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ध्वज फहराने और ध्वजारोहण को लेकर है जानकारी का अभाव ! -गणतंत्र दिवस पर फहराते हैं ध्वज, स्वाधीनता दिवस (15 अगस्त) पर  होता है ध्वजारोहण, देखिये कहाँ कहाँ हुई जिम्मेदारों से चूक

मुकेश पांडेय, मप्र ब्यूरो –भोपाल/हरदा ।
देखा जाए तो स्पष्ठ रूप से यह जानकारी ज्ञात नहीं है कि आखिर गणतंत्र दिवस और स्वाधीनता दिवस पर ध्वज फहराने और ध्वजारोहण में क्या अंतर है ?  देश की  स्वाधीनता दिवस के और संविधान लागू होने के करीब 7 दशक से अधिक गुजरने के बावजूद जानकारी के अभाव की  यह स्थिति सोचनीय है।

बात राज्य सरकार की हो, अधीनस्थ विभाग की या ट्विटर अकाउंट या समाचार पत्र, वेब साइट की ।  ध्वज फहराने और ध्वजारोहण में जवाबदेह जिम्मेदार ही ठीक से फर्क महसूस न कर पा रहे हैं। यही वजह है कि त्रुटियां होना जारी है।

इसके लिए आपको समझना होगा कि वास्तव में ध्वज फहराने और ध्वजारोहण के सही अर्थ क्या हैं।

इस खबर के माध्यम से हम उम्मीद कर सकते हैं कि आगामी राष्ट्रीय पर्व पर ये व्यवहारिक त्रुटियां व्यापक  रूप से सुधारीं जाएंगी ।

उपर्युक्त उल्लेखित तथ्य महज बातें नहीं, इसकी पुष्टि राज्य शासन का पत्र, लोकसंचालनालय का पत्र, जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट पर दर्ज समाचार ,  प्रमुख समाचार पत्र के प्रकाशित समाचार करते हैं।

देखिए कहाँ कहाँ हुई चूक : –

–  मुख्यमंत्री कार्यालय मप्र से जारी ट्वीट भी ध्वज फहराने और ध्वजारोहण में अंतर महसूस नहीं करता। cmo के ट्वीट से यह बात पुष्ट होती है । (देखिए ट्वीट के स्क्रीन शॉट) ट्वीट में  मुख्यमंत्री द्वारा गणतंत्र दिवस पर  ध्वजारोहण करने का जिक्र किया गया है।

हरियाणा सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस पर जारी पत्र में ध्वजारोहण का जिक्र किया गया है । ( देखें पत्र)

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देश प्रदेश के अनेकों समाचार पत्र ने भी गणतंत्र दिवस पर प्रकाशित समाचार में ध्वज फहराने के साथ ध्वजारोहण शब्द का उपयोग किया।  (देखें स्क्रीनशॉट)

–  मप्र राज्य शासन द्वारा जारी पत्र में समस्त कलेक्टर को गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण करने विषयक पत्र में ध्वज फहराने और ध्वजारोहण दोनों का उल्लेख किया गया है। ( इंटरनेट पर प्राप्त पत्र देखें )

क्या है  लोक संचालनालय का पत्र –  12 जनवरी 2022 को आयुक्त के हस्ताक्षर से जारी आदेश पत्र में गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण का उल्लेख किया गया है।  समस्त  शिक्षण संस्थाओं को, समस्त कलेक्टर को जारी प्रतिलिपि पत्र में गणतंत्र दिवस पर ससम्मान ध्वजारोहण करने का उल्लेख किया गया है। ( देखिए पत्र)

जनसंपर्क  भोपाल की वेब साइट पर 25 जनवरी 2022 को  जारी समाचार में  मुख्यमंत्री इंदौर में करेंगे ध्वजारोहण का उल्लेख है, वहीं भोपाल में राज्यपाल ध्वज फहराएंगे लिखा गया। ( देखें स्क्रीन शॉट) सिर्फ राजधानी ही नहीं बल्कि जिला स्तर पर जनसंपर्क कार्यालय से भी कलेक्टर के ध्वजारोहण की खबरें जारी की गई। (देखें हरदा जनसंपर्क की खबर)

क्या है झंडा फहराना और ध्वजारोहण में अंतर:

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है। दरअसल जिस दिन भारत को आजादी मिली थी उस दिन ब्रिटिश गवर्नमेंट ने अपना झंडा उतारकर भारत के तिरंगे को ऊपर चढ़ाया था, इसलिए हर साल 15 अगस्त को तिरंगा ऊपर खींचा जाता है। फिर उसके बाद फहराया जाता है। इस पूरे प्रोसेस को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं। वहीं, 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस वाले दिन राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है। उसे केवल फहराया जाता है। यही वजह है की उसे ध्वजारोहण नहीं बल्कि झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं।

गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराकर उसे नमन करते हैं। वहीं, 15 अगस्त को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के ध्वजारोहण करने का प्रावधान है।
(साभार स्रोत)

क्या कहना है इनका –

“जबतक  इस प्रकार की त्रुटियों को लेकर जवाबदारी तय नहीं होगी। ऐसी त्रुटियां निर्बाध रूप से जारी रहेंगी। नागरिकों को भी ऐसी त्रुटियों को लेकर सरकार को आगाह करना चाहिए।  भविष्य में ऐसी त्रुटियां नहीं होनी चाहिए ।”
–  अजय दुबे (आरटीआई एक्टिविस्ट भोपाल )