ब्रेकिंग
भगवान की हुई प्राण प्रतिष्ठा मंदिर का हुआ लोकार्पण, धूमधाम से वेदी पर विराजमान हुए भगवान पारसनाथ जी सिवनीमालवा: SDM से न्यायालय ने अवमानना के लिए मांगा स्पष्टीकरण ! एसडीएम सरोज परिहार पर न्यायालय के अ... मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने प्रदेश स्तरीय गौशाला सम्मेलन में हरदा जिले के गौसेवकों को किया सम्मानित, हरदा... Harda news: मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर योग दिवस कार्यक्रम में होंगी मुख्य अतिथि रहटगांव: पुलिस ने अवैध मादक पदार्थ के साथ एक युवक को पकड़ा , 1 किलो 200 ग्राम गांजा जब्त बड़ी खबर :  ट्रेलर और बोलेरो की भीषण टक्कर हादसे मे 9 लोगों की मौत Big breaking news मोरगढ़ी: बाइक से गिरे तीन युवक एक की मौत दो गंभीर घायल अजब गजब :- युवक को सांप ने काटा कुछ ही देर में तड़प तड़प कर सांप की हुई मौत: युवक अस्पताल में भर्ती मध्यप्रदेश : हैवान दरिंदो ने मजदूरी करने आई आदिवासी युवती का किया अपहरण: युवती को 7 दिन तक बंधक बना... MP BIG NEWS: रेंजर माधव सिकरवार का 'सिंघम' ऑपरेशन: माफिया से मुक्त कराई 149 हेक्टेयर वन भूमि

नवोदय में कॉउंसलरो की कमी, छात्रों को कैसे मिले तनावमुक्त माहौल ?

 – बेहतर शिक्षा के साथ – साथ छात्रों का मानसिक विकास जरूरी

अंतिम पंक्ति में खड़े गरीब परिवार के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के साथ ही उनके जीवन को खुशहाल बनाने के उद्देश्य से देशभर के विभिन्न राज्यों में जवाहर नवोदय विद्यालयो की स्थापना की गई हैं। वही यहां अध्ययनरत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति सहित अन्य वर्ग के छात्रों के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता का पद सुनिश्चित किया है। ताकि अध्ययनरत बच्चों के बोल-चाल , आव-भाव व उसके स्वभाव में बदलाव दिखने पर कॉउंसलिंग के माध्यम से त्वरित बच्चें की समस्या का पता कर उसके मन में पनप रही जिज्ञासाओं का समय-सीमा में समाधान किया जा सके। किंतु नवोदय का संचालन करने वाली नवोदय विद्यालय समिति के उदासीन रवैये के चलते सैकड़ों नवोदय विद्यालयो में परामर्श दाताओं ( कॉउंसलरो ) की कमी बनी हुई है।

रितेश त्यागी

भोपाल/हरदा। नवोदय विद्यालय में रहकर पढ़ाई करने वाले कई छात्र तनाव से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि बीते साल छात्रों की आत्महत्या के आंकड़ों ने सभी को चौंका दिया था। स्थिति यह रही कि मामला देश की शीर्ष सर्वोच्च अदालत के समक्ष पहुँच गया। जिस पर अदालत ने त्वरित संज्ञान लेते हुए एनवीएस को नवोदय विद्यालयो में काउंसलरों की नियुक्ति करने का आदेश दिया। तब कहीं जाकर समिति ने आनन फानन में काउंसलरों की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की। वहीं देशभर में 500 से अधिक काउंसलर अनुबंध पर पदस्थ किए गए। लेकिन उन्हें पदस्थ करना व ना करना एक जैसा ही रहा। दरअसल कॉउंसलरो को इसी वर्ष मार्च माह में हटा दिया। करीब छः माह बीतने के बाद भी अनुबंधित काउंसलरों का कार्यकाल अब तक नहीं बढ़ाया गया है। जिसके चलते सैकड़ों प्रशिक्षित काउंसलर घर बैठने को विवश हैं। एक बार फिर उनके सामने रोजगार का संकट गहरा गया है। जबकि सभी काउन्सलर समिति के तय मापदंडों पर खरा उतरकर अपनी प्रतिभा की दम पर चयनित हुए थे। जिनकी पदस्थापना के बाद नवोदय विद्यालयो में पढ़ने वाले छात्र-छत्राओं की कॉउंसलिंग होने लगी थी। उनके मन मे व्याप्त जिज्ञासाओ का समाधान होने लगा था। कॉउंसलिंग के माध्यम से अध्ययनरत छात्र तनाव से मुक्त होकर शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ रहे थे। लेकिन समिति की लापरवाही के चलते यह व्यवस्था कम समय मे पटरी से उतर गई है। शिक्षा व्यवस्था के जानकारों की माने तो इसका प्रतिकूल असर कही न कहीं छात्रों पर देखने को मिलेगा। क्योंकि इसकी एक बड़ी वजह यह कि कोरोना महामारी के चलते मार्च-अप्रैल माह में विद्यालयो में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई को ब्रेक लग गया। हालात यह रहे कि छात्र अपने गांव जाने के लिए विवश होना पड़ा। छात्र करीब चार-पांच माह बाद वापस विद्यालय लौट आए हैं। जानकारों का मानना है कि ऐसे समय छात्रों को मनोवैज्ञानिक परामर्श की नितांत आवश्यकता है। खासकर कमजोर बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने उनकी उचित कॉउंसलिंग जरूरी है। इसके बावजूद नवोदय विद्यालय समिति काउंसलरों की सेवा बहाली के मामले में चुप्पी साधे हुए है। विद्यालयो में अब तक काउंसलरों की सेवाएं बहाल नही की है। जिसका प्रतिकूल असर छात्रों पर देखने को मिल सकता है।

छात्रों को अपने हाल पर छोड़ा

- Install Android App -

इसे भाग्य की विडंबना कहे या समय का कालचक्र, क्योंकि गांव से जो प्रतिभाए निकलकर नवोदय विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला लेती है, आज उन्हीं प्रतिभाओं का हनन हो रहा है। उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया है। यहां अध्ययनरत छात्रों के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता की नियुक्ति नहीं की गई। यही वजह है कि इससे पहले कई छात्रों ने तनाव व अवसाद में आकर आत्महत्या जैसा अप्रिय कदम उठा चुके हैं।

छात्रों का मानसिक विकास जरूरी

छात्रों के मानसिक विकास के लिए इन परामर्श दाताओं की आवश्यकता उतनी ही जरूरी है जितना कि जीवन के लिए वायु की। इसके बावजूद नवोदय विद्यालय में परामर्श दाताओ की नियुक्ति अधर में है। जबकि माननीय सर्वोच्च अदालत काउंसलरों की नियुक्ति पर अपनी गंभीरता जता चुका है।

पीएम को लिखे पत्र, बताई व्यथा

नवोदय विद्यालय में अनुबंध पर बतौर काउन्सलर पदस्थ हुए सेकड़ौ शिक्षित युवक व युवतियों की एक नई जिंदगी शुरू हुई। अपनी-अपनी संस्थाओ में कड़ी मेहनत कर बेहतर से बेहतर परिणाम दे रहे थे। लेकिन कोरोना महामारी दौरान चालू सत्र में ही उनकी सेवाएं समाप्त कर दी ।अब इसे विडंबना कहे या एनवीएस की हठधर्मिता जो व्यवस्था पटरी पर लौटने के बावजूद कॉउंसलरो का अनुबंध अब तक नही बढ़ाया गया है। इस मामले में लंबे इंतजार के बाद कॉउंसलरो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें मुख्य रूप से सेवा बहाली की मांग की गई है। इसके अलावा पीएमओ को ई-मेल कर कॉउंसलरो ने अपनी व्यथा व्यक्त की है। अब होनहार कॉउंसलरो को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी आस है। नाम न छापने की शर्त पर एक कॉउंसलर ने बताया कि पीएम श्री मोदी इस मामले में संज्ञान लेंगे। क्योंकि एससी-एसटी, पिछड़ा, अल्पसंख्यक सहित अन्य वर्ग जो गरीब व सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं, ऐसे परिवारों के लाखों बच्चे नवोदय विद्यालय में पढ़ाई कर अपने-अपने परिवार का नाम रोशन करने के साथ ही देश के नवनिर्माण की दिशा में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं और आगे भी निभाएंगे।