प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूरत में सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। सूरत के ओलपाड में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं अक्सर सूरत की सद्भावना, सूरत के लोगों के सामर्थ्य और उनकी इच्छाशक्ति की बात करता रहता हूं। गुलामी के समय में सूरत देश के उन पहले स्थानों में था, जहां नमक कानून का विरोध हुआ था। सेवाभाव क्या होता है, सूरत के लोग बखूबी समझते हैं। उन्होंने मेगा मेडिकल कैंप की तारीफ करते हुए कहा कि ये अपने आप में एक बड़ी कल्पना है। लोगों को जोड़ने और इस सेवाभाव के लिए मैं आपको जितनी बधाई दूं, उतनी कम है।
पीएम के संबोधन की अहम बातें
लाल किले से मैंने जिन पंचप्राणों की बात की थी उसमें एकता भी था। सूरत की रग-रग में एकता का भाव है। इसलिए सूरत का मेरे हृदय में विशेष स्थान भी रहा है। बाढ़ और महामारियों ने अनेक बार सूरत की परीक्षा ली है मगर सूरत में एकता के आगे कोई भी चुनौती टिक नहीं पाई है।
बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर भविष्य का मार्ग बनाता है। इसी सोच के साथ बीते वर्षों में हमने स्वास्थ्य अवसंरचना के साथ-साथ जन-जागरूकता ,बीमारियों से बचाव, बीमारियों को गंभीर होने से रोकने पर विशेष बल दिया है। आज पूरे गुजरात में मल्टी स्पेशयलिटी अस्पतालों का सशक्त नेटवर्क तैयार हुआ है।
देश के करोड़ों छोटे किसानों का कदम-कदम पर साथ देना, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है, पीएम किसान सम्मान निधि हमारी सरकार का ऐसा ही एक प्रयास है, इस योजना के तहत अब तक देशभर के किसानों के बैंक खातों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं।
पहले की सरकारों में किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती थीं, लेकिन हमारी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए काम कर रही है। इसी सच्ची नीयत के कारण ही देश का, गुजरात का किसान बार-बार हमें आशीर्वाद दे रहा है।