विधायक सचिन बिरला ने कहा सर्वमान्य समाधान करेंगे
सुनील पटल्या गुर्जर बेड़िया। सनावद- खरगोन हाइवे पर ग्राम बड़ूद और सताजना के बीच प्रस्तावित टोल वसूली नाके का मामला शनिवार को एक बार फिर गर्मा गया। टोल नाके शुरू होने की खबर फैलते ही क्षेत्र के सैकड़ों वाहन चालक टोल नाके पर एकत्रित हो गए और जमकर नारेबाजी की। इस कारण हाइवे पर कुछ देर तक यातायात प्रभावित हुआ। वाहन चालकों ने कहा कि टोल नाके को यहां किसी भी कीमत पर नहीं लगने दिया जाएगा। उधर चक्काजाम की खबर मिलते ही विधायक सचिन बिरला टोल नाके पर पहुंचे और वाहनचालकों की से बात की। विधायक ने टोल कर्मियों तथा एमपीआरडीसी के वरिष्ठ अधिकारी जैन से चर्चा की। विधायक ने भी कहा कि इस समस्या का जब तक ठोस निराकरण नहीं हो जाता तब तक टोल वसूली नहीं की जाए। विधायक ने कहा कि टोल नाके के ठेकेदार, एमपीआरडीसी के अधिकारी और स्थानीय वाहन चालकों व जनप्रतिनिधियों की एक समिति बनाई जाएगी। यह समिति विचार-विमर्श कर समस्या का सर्वमान्य हल निकालेगी। इसलिए आगामी एक अगस्त तक टोल वसूली स्थगित की जाए। इसलिए अब एक अगस्त तक टोल वसूली नहीं की जाएगी।
विधायक ने टोल कर्मियों व एमपीआरडीसी के अधिकारी को सुझाव दिया कि इस टोल नाके को अंबा और रोड़िया के बीच स्थापित करना सभी के हित में है। ऐसा करने से समस्या का स्थायी निदान हो जाएगा और टोल कर्मियों तथा स्थानीय वाहन चालकों के टकराव को भी रोका जा सकेगा।
स्थानीय वाहन चालकों ने कहा कि टोल नाके के 15 किमी के दायरे में आने वाले सभी प्रकार के माल वाहकों को टोल वसूली से छूट दी जाए। उल्लेखनीय है कि क्षेत्रवासियों द्वारा शुरू से ही इस टोल नाके का कड़ा विरोध किया जा रहा है। क्षेत्रवासी इस टोल नाके को यहां से हटाने की मांग करते आ रहे हैं। विधायक ने वाहन चालकों को आश्वस्त किया कि इस टोल नाके को लेकर जल्दी ही मुख्यमंत्रीय शिवराजसिंह चौहान और एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक से चर्चा करेंगे।
विधायक ने कहा कि सनावद-खरगोन हाइवे पर बैड़िया में विश्वस्तरीय मिर्ची मंडी स्थित है। इस प्रस्तावित टोल नाके की बैड़िया से दूरी मात्र 10 किमी है। इस कारण आसपास के ग्रामों के किसानों को अपनी मिर्ची की उपज बैड़िया मिर्ची मंडी लाने के लिए इस टोल नाके से बार-बार गुजरना पड़ेगा। इसके अलावा बैड़िया और आसपास के सैकड़ों ग्रामों के किसान बड़े पैमाने पर दुग्ध, सब्जी, गेहूं, कपास, सोयाबीन आदि का का उत्पादन करते हैं। इस कारण किसानों व छोटे व्यापारियों के वाहनों को बार-बार इस टोल नाके से गुजरना पड़ेगा। लेकिन किसान व छोटे व्यापारी से बार-बार टोल भुगतान वसूलना न्यायसंगत नहीं होगा। इसलिए इस टोल नाके को बड़ूद-सताजना के बीच से हटाकर बैड़िया के आगे अंबा व रोड़िया के बीच स्थानांतरित किया जाए।