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New Delhi: भारत के लिए गौरव : नए साल की सुबह में इसरों ने भरी नई उड़ान, एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह काेे छोड़ा

इसरो का यह मिशन एक्सपोसैट एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा।

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 नई दिल्ली : नए साल की पहली सुबह, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)इसरो  ने अपने नाम पर एक शानदार उपलब्धि दर्ज किया है। इसरो को एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह का सोमवार को प्रक्षेपण किया। प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती के बाद, 44.4 मीटर लंबे रॉकेट ने चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर इस अंतरिक्ष तल से उड़ान भरी। इस दौरान बड़ी संख्या में यहां आए लोगों ने जोरदार  तालियां बजाईं। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि इस मिशन को ISRO ने अपने सबसे भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान  से लॉन्च किया।

सी58 मिशन में मुख्य एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह (एक्सपोसैट) को पृथ्वी की 650 किलोमीटर निचली कक्षा में स्थापित किया गया है। पीएसएलवी ने यहां पहले अंतरिक्ष तल से सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर उड़ान भरी थी। इस मिशन के माध्यम से, ISRO एक्सपोसैट एक्स-रे स्रोत के रहस्यों की खोज करने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा। XPoSat चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की विभिन्न गतिशीलता की स्टडी करने के लिए भारत का पहला समर्पित पोलारिमेट्री मिशन है। XPoSat नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) के बाद दुनिया का दूसरा रॉकेट है।इसरो के इस मिशन का जीवनकाल करीब पांच साल है। ISRO ने बताया है कि अंतरिक्ष यान पृथ्वी की निचली कक्षा में दो पेलोड ले जाएगा। इसरो ने कहा है कि प्राथमिक पेलोड POLIX (पोलारिमीटर इंस्ट्रूमेंट इन एक्स-रे) मध्यम एक्स-रे ऊर्जा रेंज में पोलारिमेट्री पैरामीटर को मापेगा। पोलारिमेट्री पैरामीटर के सभी ऑर्गनाइजेशन से मतल ध्रुवीकरण की डिग्री और कोण से है। दूसरा पेलोड – XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी प्रदान करेगा। इसे आसानी से कम लागत वाले, गैर-मानवीय भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के 9रूप में वर्णित किया जा सकता है। ISRO के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में कचरे से पैसा पैदा कर रहा है।

 

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