मकड़़ाई समाचार भोपाल भारत से पाकिस्तान जाने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में बम ब्लास्ट के आज 16 साल पूरे हो गए। आज ही के दिन 2007 में पानीपत में दिल्ली लाहौर समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में बम ब्लास्ट हुआ था। इस हादसे में 68 लोगों की मौत हुई थी। आज 18 फरवरी एक ऐसे ही जख्म को याद दिलाने वाला दिन है। आज ही दिन भारत से पाकिस्तान जाने वाली ट्रेन में भीषण बम ब्लास्ट हुआ था। इस हादसे में 68 लोगों की मौत हुई थी।
18 फरवरी 2007 को दिल्ली से लाहौर जाने वाली दिल्ली-अटारी समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में पानीपत के पास बम ब्लास्ट हुआ था। जिसके बाद ट्रेन की दो बोगियों में आग लग गई थी। इस हादसे में कई लोग जिंदा जल गए थे।लाश इस कदर जल गए थे कि उनकी पहचान काफी मुश्किल थी। इस हादसे के हुए आज 16 साल बीत चुके है लेकिन समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में हुए बम ब्लास्ट में मारे गए 19 लोगों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।
दीवाना स्टेशन के पास हुआ था ब्लास्ट – समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सप्ताह में दो दिन भारत-पाकिस्तान के बीच चलती थी। 18 फरवरी 2007 को पानीपत जिले में दीवाना स्टेशन के पास इस ट्रेन में बम धमाका हुआ था। ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी। विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था। इस धमाके में 13 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। हादसे में मारे गए 68 लोगों में से 49 की ही पहचान हो पाई। जबकि 19 मृतक आज भी अज्ञात ही हैं। मृतकों के शवों को घटना स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर गांव महराणा के कब्रिस्तान में दफनाया गया है
समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में हुए धमाके के मामले में आरोपी बनाए गए 8 लोग बरी हो गए हैं। यहां बड़ा सवाल आज भी सुलग रहा है कि वे 19 अज्ञात लोग कौन मरे हैं, जिनकी आज भी पहचान नहीं हो पाई है। मामले की जांच NIA ने भी की। मगर कुछ हासिल न हुआ| समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट के मामले में 15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया था।
स्वामी असीमानंद को बनाया गया था आरोपी
समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट मामले की जांच में ‘अभिनव भारत’ नामक संगठन के शामिल होने के संकेत मिले थे। इसके बाद स्वामी असीमानंद को मामले में आरोपित बनाया गया। एनआइए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था। जांच एजेंसी का कहना है कि ये सभी अक्षरधाम (गुजरात), रघुनाथ मंदिर (जम्मू), संकट मोचन (वाराणसी) मंदिरों में हुए आतंकवादी हमलों से दुखी थे और बम का बदला बम से लेना चाहते थे।