मकड़ाई समाचार भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से लगातार नमी आ रही है। इसके चलते पूरे मध्य प्रदेश में वर्षा हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। राजधानी भोपाल में दोपहर के बाद कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है। मध्य प्रदेश में वर्षा का सिलसिला अगले चार दिनों तक बना रह सकता है। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक शिवपुरी में 124, धार में 80, दतिया में 65.8, रतलाम में 60, खरगोन में 48.6, ग्वालियर में 46.9, गुना में 33, नरसिंहपुर में 24.4, उज्जैन में 17.4, इंदौर 17.2, भोपाल में 16.3, छिंदवाड़ा में 7.6, मंडला में 7.3, रायसेन में 6.4, नौगांव में छह, खंडवा में 4.3, नरसिंहपुर में तीन, सतना में 1.8, उमरिया में 1.8, सागर में 1.1, नर्मदापुरम में एक, दमोह में एक, बैतूल में एक, खजुराहो में एक, जबलपुर में 0.7 मिलीमीटर वर्षा हुई। मलाजखंड में बूंदाबांदी हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक तेलंगाना एवं उससे लगे विदर्भ पर हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात शनिवार को दक्षिणी गुजरात पर आ गया है। आंध्र के तट से लेकर एक ट्रफ लाइन पश्चिमी मप्र से होकर उत्तराखंड तक बनी हुर्इ है। आंध्र के तट से एक अन्य ट्रफ लाइन गुजरात तक मौजूद है। इसके अतिरिक्त अफगानिस्तान और उससे लगे पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इन चार मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से लगभग पूरे मध्य प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि शनिवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा पूरे मध्य प्रदेश में भी छिटपुट बौछारें पड़ती रहेंगी। राजधानी में शुक्रवार रात को रूक-रूककर वर्षा हुई थी। शनिवार सुबह से ही बादल भी बने हुए हैं। दोपहर के बाद शहर में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है। मौसम विज्ञानी शुक्ला के मुताबिक गुजरात पर बने चक्रवात के आगे बढ़कर उत्तरी मध्य प्रदेश पर आने के आसार हैं। इस वजह से अभी चार दिन तक रूक-रूककर वर्षा का सिलसिला बना रहेगा।