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रातापानी अभयारण्य से निकलकर सड़क पर विचरण करने आए बाघ को देख राहगीरों की सांसें फूली

मकड़ाई समाचार रायसेन। जिले के रातापानी अभयारण्य क्षेत्र में सड़क पर बाघ को विचरण करते देख राहगीरों की सांसें फूल गई। मंगलवार की रात में सुल्तानपुर व दीघावन मार्ग पर एक वयस्‍क बाघ को राहगीरों ने विचरण करते देखा। वाहन की रोशनी पड़ते ही जब बाघ ने दहाड़ लगाई तो वाहन चालकों ने तुरंत अपनी गाड़ी में ब्रेक लगाए और घबराकर शीशे भी बंद कर लिए। इस दौरान कुछ राहगीरों ने बाघ का वीडियो भी बना लिया, जो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। सड़क पर कुछ देर टहलने के बाद बाघ गुर्राते हुए जंगल में वापस चला गया। इसके बाद मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पुन: शुरू हो गई।

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तीन अभयारण्य के जंगल में हैं 80 बाघ-
रायसेन जिले की सीमा अंतर्गत रातापानी, सिघोरी व भोपाल वन विहार अभ्यारण्य का वन क्षेत्र 1300 वर्ग किलोमीटर तक फैला है। इस विशाल वन क्षेत्र में करीब 80 बाघों की मौजूदगी बताई जाती है। ऐसे में नया टाइगर रिजर्व बनाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। औबेदुल्लागंज वन मंडल अधिकारी विजय कुमार का कहना है कि बाघों की संख्या एक दशक में बढ़ी है। यहां वन्य प्राणियों के अनुकूल वातावरण है। यही कारण है कि बाघ, तेंदुए व अन्य वन्य प्राणी कभीकभार सड़कों पर भी विचरण करते नजर आ जाते हैं। बाघों के जंगल में दिखना अच्छा है। वन सुरक्षा कर्मी इस पर नजर रखते हैं। दीघावन व सुल्तानपुर का क्षेत्र रातापानी तथा सिघोरी अभयारण्य के अंतर्गत आता है। इस पूरे 1300 वर्ग किलोमीटर में बाघों के आनाजाना रायसेन, सीहोर व भोपाल जिलों की सीमा में होता रहता है।