Weather Today, 20 July : देश के बड़े हिस्से में भारी बारिश हो रही है। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में बाढ़ जैसे हालात के कारण आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। इस बीच भारतीय मौसम विभाग ने 20 जुलाई के लिए यूपी और उत्तराखंड में भारी बारिश का रेड अलर्ट घोषित किया है। खासतौर पर उत्तराखंड में फ्लैश फ्लड (अचानक आने वाली बाढ़) और भूस्खलन की आशंका जताई गई है। पर्यटकों से अपील की गई है कि वे आज उत्तराखंड का दौरा न करें। उत्तराखंड के देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और हरिद्वार जिलों में बुधवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि बाकी जिलों के अलग-अलग स्थानों पर भी भारी बारिश हो सकती है।
साथ ही आईएमडी के ताजा ऑरेंज अलर्ट में कहा गया है कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है, जबकि गुरुवार से शनिवार तक राज्य के अन्य अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश और गरज के साथ बारिश हो सकती है।
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21 जुलाई तक उत्तर भारत में सक्रिय हो जाएगा मानसून
वहीं स्कायमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में 1 जून से 15 जुलाई के बीच सामान्य वर्षा हुई है। दिल्ली और लद्दाख में 23 से 25% तक बारिश की कमी है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 59 फीसदी बारिश की कमी है। हालांकि, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब सामान्य श्रेणी की श्रेणी में हैं, लेकिन हरियाणा में 2%, पंजाब में 6% और उत्तराखंड में 12% की कमी है।
जुलाई की शुरुआत से ही मानसून की अक्षीय रेखा देश के मध्य भाग पर बनी हुई थी, जिससे मध्य भारत में भारी से बहुत भारी बारिश हुई। हालांकि, कभी-कभी बारिश के साथ उत्तरी मैदान लगभग शुष्क होते हैं। नमी और तापमान ने उत्तरी राज्यों में असुविधा का स्तर बढ़ा दिया है। हम में से ज्यादातर लोग सोच रहे हैं कि क्या वाकई मॉनसून उत्तर भारत पहुंचा है या नहीं। अब पश्चिमी और मॉनसून की अक्षीय रेखा दूसरी दिशा में आगे बढ़ रही है, पूर्वी छोर इसका अनुसरण करेगा।
19 और 20 जुलाई तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश तेज हो सकती है। पंजाब, हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में 21 या 22 जुलाई को अच्छी बारिश हो सकती है। कम से कम अगले 4 से 5 दिनों तक उत्तर भारत में अच्छी बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है। ये आगामी बारिश निश्चित रूप से तापमान को कम करेगी और बाद में गर्मी की स्थिति में भी राहत आएगी।