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लॉकडाउन में ऑनलाइन पूजा के बाद सीधे खाते में दान-दक्षिणा

विदिशा। कोरोना के डर और लॉकडाउन ने परम्पराओं को बदलने को मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि अब पंडिताई भी हाईटैक हो गई है। शहर के पंडित अब सत्यनारायण कथा से लेकर शिवाभिषेक तक ऑनलाइन करा रहे हैं। वह दक्षिणा भी डिजिटल बैकिंग के माध्यम से प्राप्त कर रहे हैं। बता दें कि इस साल कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर मार्च के अंतिम सप्ताह चैत्रीय नवरात्र के दौरान ही देश भर में लॉक डाउन कर दिया था। इन दिनों मीनार्क लगे होने के कारण 15 अप्रैल तक सभी तरह के मांगलिक कार्य प्रतिबंधित थे। लेकिन जैसे ही 16 अप्रैल से मांगलिक कार्य शुरू हुए तो यजमान अपने पुरोहितों से पूजन कराने का आग्रह करने लगे।

इसके बाद ऑनलाईन पूजन कराने का क्रम शुरू हुआ। प्रांतीय पुजारी महासभा के अध्यक्ष पंडित संजय पुरोहित ने बताया कि 25 से ज्यादा विद्वान आचार्य इन दिनों ऑनलाइन पूजन करा रहे हैं जिनमें सत्यनारायण की कथा, शिव अभिषेक, विष्णु अभिषेक, एकादशी और प्रदोष व्रत महात्म की कथा, नित्य होने वाले हवन और छोटे स्तर के गृह प्रवेश वह ऑनलाइन ही करा रहे हैं। अभी तक करीब 100 यजमानों के यहां यह धार्मिक कार्यक्रम करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पूजन शास्त्रोक्त है। यजमान के कल्याण के लिए कई सारे जप और अनुष्ठान संकल्प लेकर ब्राह्मण अपने ही घर पर करते हैं।

चित्र देखकर करते हैं पूजन की जमावट

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उन्होंने बताया कि वह यजमान को वाट्सएप पर पूजन सामान की लिस्ट और जमावट करने के लिए चित्र भेज देते हैं। उस आधार पर यजमान पूजन की जमावट कर लेता है। इसके बाद वह वीडियो कॉलिंग के माध्यम से पूजन कराते हैं। उन्होंने बताया कि पूजन के बाद जरूरी नहीं कि ब्राह्मण को ही भोजन कराया जाए। गाय को हरी घास या कन्या को भोजन कराकर यजमान ब्राह्मण भोजन के विधान से मुक्त हो जाता है। वहीं दक्षिणा के लिए उसे एकाउंट नंबर दे दिया जाता है जहां नेट बैकिंग के माध्यम से वह पेमेंट कर देता है।

समय पर हो गए गृह प्रवेश

पूरनपुरा निवासी यजमान सुनील श्रीवास्तव ऑनलाइन पूजन से बहुत खुश हैं। उन्होंने मकान बनवाया है, बुद्ध पूर्णिमा पर गृह प्रवेश का सर्वोत्तम मुहूर्त था। लॉकडाउन के चलते पुरोहित ने घर आकर पूजन कराने में असमर्थता जताई तो ऑनलाइन पूजन पर सहमति बनी। वीडियो कॉलिंग पर पंडित जी विधान बताते गए और हम पूजन करते गए। इस तरह हमारा समय पर और शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश हो गया।