ब्रेकिंग
Ladli bahna: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाडली बहनों के खाते में राशि अंतरित की टिमरनी: एस.डी.ई.आर.एफ. ने टिमरनी फॉरेस्ट डिपो में आम नागरिकों को दिया नागरिक सुरक्षा का प्रशिक्षण Harda: पुलिस, राजस्व व खनिज विभाग का दल अवैध उत्खनन रोकने की कार्यवाही करें! कलेक्टर श्री जैन ने बैठ... लव जिहाद हंडिया : 16 साल की किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले गया 27 साल का अफराज, भेरूंदा में पकड़ाया, ... हरदा: छिदगांव मेल में बांस मेला व प्रदर्शनी सम्पन्न, कलेक्टर श्री जैन बोले बांस उत्पादों के विक्रय क... हरदा: बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की सेम्पलिंग नियमित रूप से की जाए! कलेक्टर श्री जैन ने बैठ... हंडिया: हरदा में भारत शौर्य तिरंगा यात्रा को लेकर हंडिया में भाजपा ने बैठक कर बनाई रणनीति, क्या बोले... Sirali: असामाजिक तत्वों ने शिव मंदिर में मूर्तियों को किया खंडित सिराली पुलिस ने FIR दर्ज की! आरोपिय... मगरधा: गरीब आदिवासियों को मालगुजार ने वर्षों पहले रहने खाने को दी जमीन , अब मालगुजार की चौथी पीढ़ी न... हंडिया: हंडिया की नालियों में नहीं हंडिया की सड़कों पर बहता है गंदा पानी।पुख़्ता इंतजाम नहीं होने से ...

विजय दिवस:16 दिसंबर का ऐतिहासिक दिन ,भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी,93,000 जवानों को हथियार डालने पर किया था,मजबूर

भारतीय सशस्त्र सेनाओं के असाधारण पराक्रम, अनुशासन व अक्षय राष्ट्र निष्ठा का अमिट और पावन अध्याय है- ‘विजय दिवस’ वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपने बलिदान से माँ भारती के मस्तक पर ऐतिहासिक विजय का तिलक लगाने वाले समस्त वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि! 

- Install Android App -

            मकडाई समाचार विशेष |  16 दिसंबर 1971 को भारत में विजय दिवस मनाया जा रहा है। 16 दिसंबर का यह दिन इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि इसी दिन भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी। 1971 के युद्ध में भारत ने जीत दर्ज की थी और पाकिस्तान के लगभग 93,000 जवानों को हथियार डालने पर मजबूर किया था। इसी कारण बांग्लादेश बना था। 1971 के युद्ध की शुरुआत 3 दिसंबर 1971 को हुई थी। तब बांग्लादेश, पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था। 3 दिसंबर को पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हवाई हमले कर दिए थे। भारत में भी मुंहतोड़ जवाब दिया और आखिर में पाकिस्तान को वो करारी हार सहनी पड़|  दोनों सेनाओं के बीच पूर्वी पाकिस्तान में युद्ध चल रहा था। भारत लगातार भारी पड़ रही था। 16 दिसंबर की सुबह सेना को मानेकशॉ का मैसेज मिला कि पाकिस्तान की सेना आत्मसमर्पण कर रही है। भारत के पास केवल 3000 सैनिक थे, जबकि पाकिस्तानी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी नियाजी के पास 26,400 सैनिक थे। फिर भी भारतीय सेना भारी पड़ी। आखिर में पाकिस्तान ने सरेंडर करना पड़ा।