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विद्यार्थियों को कॉलेज में आकर ही देना होंगी परीक्षाएं, मार्च के बाद होंगी यूजी-पीजी की परीक्षाएं

मकड़ाई समाचार इंदौर। संक्रमण की वजह से परीक्षाओं के संचालन जरूर थोड़ा बिगड़ गया है, लेकिन विद्यार्थियों की सेहत को लेकर शासन गंभीर है। इसके लिए स्थिति के नियंत्रित होने का इंतजार हो रहा है। वैसे विद्यार्थियों को कॉलेज में आकर ही परीक्षाएं देना होगी। हर कोई पहले की तरह सामान्य पद्धति से परीक्षाओं के संचालन को लेकर सुझाव देने में लगा है। उच्च शिक्षा विभाग भी उसी दिशा में कार्य करने में जुटा हुआ है। हालांकि परीक्षाएं महीनेभर थोड़ा आगे बढ़ सकती है। मार्च बाद यूजी की वार्षिक और पीजी की सेमेस्टर परीक्षाएं करवाई जाएगी। बहुत जल्द विभाग गाइडलाइन जारी कर सकता है।

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ये बात उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 53वें प्रांतीय अधिवेशन में पत्रकारों से कहीं। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के संचालन को लेकर शिक्षाविद् के साथ मिलकर कार्ययोजना बना रहे है। सामान्य परीक्षा पद्धति के आधार पर विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने की ज्यादातर शिक्षकों ने बात कही है। परीक्षा के अलावा विद्यार्थियों को संक्रमण से भी बचाना है, इसलिए शासन काफी विचार-विमर्श कर गाइडलाइन बना रहा है। ये अगले एक सप्ताह में जारी होने की उम्मीद है। मंत्री यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति को सरकार जल्द् ही प्रदेश में लागू कर सकती है। शैक्षणिक संस्थान, शिक्षाविद्, छात्र संगठन से सुझाव लिए जा रहे है। उनकी मदद से ही नीति का बेहतर ढंग से पालन किया जा सकेगा।

अनुदान की बजाए सेल्फ फाइनेंस पर देंगे ध्यान

28 साल से पारंपरिक विश्वविद्यालय की ब्लॉक ग्रांट यानी अनुदान की राशि नहीं बढ़ाई गई है। अनुदान को लेकर पूछे सवाल का जवाब मंत्री यादव ने बड़े गोलमोल तरीके से दिया है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही विश्वविद्यालय का अनुदान बढ़ाया जाएगा, लेकिन विश्वविद्यालय को सेल्फ फाइनेंस की तरफ जाने की जरूरत है। तभी वे शिक्षा का स्तर सुधार पाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालयों को ऐसे कोर्स डिजाइन करने का बोला है, जो इंडस्ट्री और मार्केट की जरूरत है। यहां तक कॉलेजों को भी ऑटोनॉम्स बनाएंगे, जिसे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके।