मकड़ाई समाचार भोपाल | कोलार निवासी अनुभा दीक्षित गृहणी हैं। उनकी बेटी बागसेवनिया के एनआरआइ स्कूल में 11वीं की छात्रा है। दो दिन पहले 13 सितंबर की सुबह बेटी स्कूल बस से स्कूल जा रही थी। तभ एम्स के पास जाम के कारण बस खड़ी हो गई तभी आकांक्षा शर्मा नाम की महिला आई और बस में चढ़कर बस की महिला सहायिका के साथ मारपीट करने लगी और बस में हंगामा करते हुए, उनकी बेटी के साथ भी झूमाझटकी की। बस में सभी लोग और बच्चे डर गए। बस के स्कूल पहुंचने पर पूरा वाकया स्कूल प्राचार्य अर्चना शर्मा को बताया गया। तब उन्होंने फोन कर मुझे घटना की जानकारी दी। हम जब स्कूल पहुंचे, तो मेरी बेटी खूब रो रही थी और डरी हुई थी। हम बेटी को लेकर थाने पहुंचे। प्राचार्य भी हमारे साथ रिपोर्ट करने आई, लेकिन बाद में स्कूल प्रबंधन के दवाब में प्रिंसिपल और उनके कुछ लोग आवेदन देकर चले गए।
स्कूल की तरफ से इस घटना की एफआइआर नही करवाई गई और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई। हमने अपनी तरफ से एफआइआर करने के लिए कहा, तो बागसेवनिया थाने के एएसआई कुंवर सिंह द्वारा लगातार हमको गुमराह किया जाता रहा। थाना प्रभारी बाग सेवनिया संजीव चौकसे ने विधानसभा में ड्यूटी होने की बात कहकर एफआइआर करने की बात कहते रहे। तीन बार उनसे मोबाइल पर बात हुई और तीनों बार उन्होंने एएसआइ कुंवर सिंह को एफआइआर करने के निर्देश दिए। लेकिन एएसआई गुमराह करता रहा और हम थाने में 5-6 घंटे परेशान हुए। पुलिस के आला अधिकारियों व बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान को अवगत कराया, तब जाकर पुलिस एफआइआर करने पर राजी हुई।