मकड़ाई समाचार इंदौर। कोरोना महामारी का संकट अभी टला नहीं है, लेकिन संक्रमण कम होते ही स्वास्थ्य विभाग ने इंदौर में लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है। किसी समय यह हाल था कि एक-एक मरीज का पता लगाकर उनके संपर्क में आए लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही थी, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके, लेकिन वर्तमान में कांटेक्ट ट्रेसिंग बंद है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य विभाग ने जगह-जगह संदिग्धों के नमूने लेने की व्यवस्था भी बंद कर दी है। हालत यह है कि एक मई से 26 मई के बीच शहर में 113 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है, किंतु विभाग ने इस बात का पता लगाने की कोशिश ही नहीं की कि इन लोगों के संपर्क में आए लोग कहीं कोरोना संक्रमित तो नहीं और ये 113 लोग आखिर कहां से संक्रमण की चपेट में आए थे।
कम कर दी सैंपलिंग – स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्धों के सैंपलिंग की गति भी अत्यंत धीमी कर दी है। किसी समय शहर में रोजाना आठ से दस हजार नमूने जांचें जा रहे थे, लेकिन मई माह के 26 दिनों में 5706 सैंपल जांचे गए यानी औसतन सवा दो सौ सैंपल की ही रोजाना जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले जगह-जगह नमूने लेने की व्यवस्था की थी, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही। सिर्फ उन्हीं लोगों के नमूने लिए जा रहे हैं, जो अस्पताल पहुंच रहे हैं। संक्रमण नियंत्रित होने के बाद किसी समय संक्रमण दर आधा प्रतिशत से भी नीचे पहुंच गई थी, लेकिन मई के 26 दिन में यह औसतन दो प्रतिशत के आसपास बनी हुई है। इधर, संक्रमण दर बढ़ रही है, उधर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही जारी है।
निर्देश के बाद शुरू करेंगे जांच – इंदौर के सीएमएचओ डा.बीएस सैत्या का कहना है कि कोरोना संक्रमण कम होने के बाद हमने कांटेक्ट ट्रेसिंग बंद कर दी है। शासन स्तर पर इस संबंध में अब तक कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। भविष्य में निर्देश मिलेंगे, तो दोबारा शुरू कर देंगे।