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सड़क निर्माण कंपनी लगा रही राजस्व का चूना, कृषि भूमि का किया जा रहा व्यवसायिक उपयोग

मकड़ाई समाचार अंबाह। सड़कों के निर्माण कार्य में लगी कंपनी यहां ग्रामीणों की कृषि भूमियों का व्यवसायिक उपयोग कर रही है। जिसकी वजह से शासन को लाखों रुपये के राजस्व का घाटा हो रहा है। आलम यह है कि कंपनी ने यहां कुछ जमीनों का डायवर्सन कराकर इतिश्री कर ली, इसके बाद मनमाने तरीके से डायवर्सन से दोगुनी से भी ज्यादा कृषि भूमि को अपने उपयोग में लेना शुरू कर दिया। जिस पर राजस्व विभाग के अधिकारियों का ध्यान नहीं है। नियम के तौर पर तो जमीन का डायवर्सन कर लिया गया, लेकिन कितनी जमीन का कराया गया। इस ओर अधिकारियों ने भी गौर नहीं किया। कंपनी ने अंबाह क्षेत्र के रतिरामपुरा इलाके में अपना प्लांट लगा रखा है।

उल्लेखनीय है, कि पिछले 30 महीने से मुरैना-अंबाह रोड बनाने के लिए निर्माण कंपनी यहां काम कर रही है। दो साल से ज्यादा वक्त से कंपनी यहां काम कर रही है। जहां निर्माण सामग्री को रखने और सामग्री बनाने के लिए कंपनी ने रतिरामपुरा पर अपना प्लांट तैयार किया है। इस प्लांट के लिए कृषि भूमि का उपयोग किया गया। कंपनी ने अपना प्लांट बनाने के लिए इस कृषि भूमि में से 5 बीघा का डायवर्सन भी करा लिया। लेकिन मौके पर यहां लगभग 12 बीघा के करीब जमीन का उपयोग किया जा रहा है। जहां निर्माण सामग्री रखे और बनाने का काम पिछले 30 महीने से लगातार किया जा रहा है। कंपनी प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर डायवर्सन कराने की इतिश्री तो करती है, लेकिन उपयोग इससे दोगुनी से भी ज्यादा जमीन का किया जा रहा है। जिसकी वजह से शासन को राजस्व की हानि हो रही है। पिछले ढाई साल से यहां इन जमीनों का व्यवसायिक उपयोग कंपनी कर रही हैं जकि डायवर्सन 5 बीघा का कराकर राजस्व जमा कराया गया। दरअसल कृषि भूमि सस्ती होने की वजह से यहां इस जमीन का उपयोग करना शुरू कर दिया जाता है। जिसका व्यवसायिक उपयोग करने से पहले राजस्व जमा कराया जाना चाहिए। लेकिन निर्माण कंपनी ने ऐसा यहां नहीं किया है।

डायवर्सन की भी की महज एक किस्त जमाः

यहां कंपनी लगभग 12 बीघा जमीन पर अपना प्लांट चला रही है, जिसमें से 5 बीघा के करीब डायवर्सन कराया गया है, लेकिन इस डायवर्सन में भी कंपनी ने महज एक ही किश्त राजस्व के रूप में जमा कराई हैं इसके बाद न तो प्रशासनिक अधिकारियों ने सुध ली और न ही कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने। ढाई साल से एक किश्त जमा कर इस जमीन का व्यवसायिक उपयोग चालू कर दिया गया। जिससे अभी तक लाखों रुपये की क्षति शासन को हो चुकी है।

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कृषि भूमि भी होती जा रही कमः

कृषि भूमि की जमीनों का व्यवसायिक होने से कृषि योग्य भूमि लगातार घटिती जा रही है। डायवर्सन न होने से यह रिकॉर्ड में कृषि भूमि रहती है, लेकिन इसका उपयोग फसलों में नहीं बल्कि कंपनियां अपने प्लांटों को लगाने में करती है। जिससे राजस्व के नुकसान के साथ ही इसमें कृषि भूमि का भी नुकसान होता है। रतिराम पुरा में ही ढाई साल से इस 12 बीघा से ज्यादा की जमीन का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा हैं जिसमें से डायवर्सन आधी ही जमीन का कराया गया है।

कथन

-इस मामले में आपके द्वारा पता चला है, जल्दी ही तहसीलदार या नायब तहसीलदार को भेजकर नाप कराकर राजस्व वसूला जाएगा।

राजीव समाधिया, एसडीएम अंबाह।