मकड़ाई समाचार सागर। एक के बाद चार चौकीदारों की हत्या करने वाले सीरियल किलर 19 वर्षीय शिवप्रसाद गौंड वारदात के बाद इंटनरेट मीडिया व अखबारों पर पैनी नजर रखता था। वह वारदात के बाद सुबह ही अखबार पढ़ता। वहीं इंटनरेट मीडिया पर भी वारदात को लेकर आने वाली प्रतिक्रियाओं पर नजर रखता। वारदात के पहले वह वहां की अच्छी तरह से पड़ताल करता। सीसीटीवी कैमरे कैद न हो जाए, इसकी पूरी कोशिश करता। सागर में हुई हत्या की यह वारदातें उसने रक्षाबंधन के बाद अपने गांव केकरा से आकर ही प्लान की थीं। वह अपनी मां से बोलकर आया था कि वह बहुत जल्द नाम कमाएगा। इसके बाद उसने एक के बाद सागर में तीन हत्याएं कीं। सागर के बाद उसने अलग-अलग जिलों में हत्या करने की योजना बनाई थी, लेकिन भोपाल में एक अन्य चौकीदार के हत्या के बाद वह पकड़ा गया।
कल्याण सिंह मोबाइल ने दिए कई अहम सुराग
जानकारी के मुताबिक शिवप्रसाद गौंड ने 27 अगस्त को भैंसा गांव के एक कारखाने में काम करने वाले 57 वर्षीय कल्याण सिंह की सिर पर हथौड़ा मारकर हत्या की। वारदात के बाद आरोपित कल्याण सिंह का मोबाइल अपने साथ ले आया। उसने मोबाइल की सिम फेंक दी। वहीं 29 अगस्त को आर्टस एंड कामर्स कालेज के चौकीदार 60 वर्षीय शंभूदयाल शर्मा की पत्थर से कुचलकर हत्या के बाद कल्याण सिंह के मोबाइल को वहीं फेंक दिया। पुलिस ने इस मोबाइल की जांच की तो सिम गायब थी, लेकिन फोन स्टोरेज में केवल एक नंबर सेव मिला। इस नंबर को डायल किया तो यह मृतक चौकीदार कल्याण सिंह के रिश्तेदार का निकला। उसने बताया कि यह मोबाइल कल्याण सिंह का है। वहीं शंभूदयाल की हत्या के बाद आरोपित शिव प्रसाद शंभूदयाल की साइकिल व मोबाइल अपने साथ ले गया और कटरा क्षेत्र के एक लाज में रुका। उसने सुबह उठकर सारे अखबार भी पढ़े और अपनी अगली रणनीति पर लग गया। 30 अगस्त की रात वह रतौना गांव पहुंचा और मंगल सिंह की हत्या की। इसके बाद वह ट्रेन से भोपाल चला गया।
जिसे मारता, उसका मोबाइल खुद रख लेता
भोपाल में भी वह दिनभर इंटरनेट मीडिया व खबरों पर नजर रखे रहा। उसे पता चल गया था कि पुलिस सक्रिय हो गई है। वह भोपाल में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के आसपास घूमता रहा। उसने सागर में आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में गार्ड शंभू दयाल को मारकर उनका मोबाइल अपने पास रख लिया था। मोबाइल उसने स्विच आफ कर रखा था। इधर सागर पुलिस ने भी शंभू के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर ले रखा था। शिव ने गुरुवार रात करीब 11 बजे मोबाइल चालू किया। सागर पुलिस को लोकेशन पता चल गई। टीम भोपाल के लिए रवाना हो गई। सागर पुलिस भोपाल पहुंचती, इससे पहले शिव ने मोबाइल बंद कर दिया। रात करीब डेढ़ बजे से पुलिस उसे बैरागढ़, कोहेफिजा, लालघाटी इलाके में खोजती रही, लेकिन वह नहीं मिला। रात करीब 3:27 बजे शिव ने एक बार फिर मोबाइल को ऑन किया। पुलिस को उसकी लोकशन लालघाटी इलाके में पता चली। पुलिस ने तड़के 5 बजे उसे दबोच लिया।
चोरी के मोबाइल से ट्रांजेक्शन का कोशिश
आरोपित शिवप्रसाद ने चौकीदार शंभूदयाल दुबे की हत्या के बाद चुराए मोबाइल से रुपये ट्रांजेक्शन की कोशिश भी की। उसने मोबाइल में डाउनलोड एप को ओपन भी किया, लेकिन पासवर्ड न होने की वजह से वह रुपयों का ट्रांजेक्शन नहीं कर सका। इस सभी के बीच चोरी हुआ यह मोबाइल पुलिस के सर्विलांस में पड़ा था, जिससे लोकोशन ट्रेस हो रही थी। जिससे आरोपित पकड़ा गया।
मां को नहीं पता, बेटे ने क्या गुनाह किया
एक के बाद एक चार चौकीदारों की हत्या करने वाले शिवप्रसाद धुर्वे की मां सीता बाई अब भी इस बात से अनजान है कि उसके बेटे ने इतना बड़ा गुनाह किया होगा। केकरा गांव पहुंचकर जब सीता बाई से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका बेटा 15 साल से बाहर रह रहा है। रक्षाबंधन के पहले आया था। जहां वह जमीन बेचने की बात कहने लगा। पिता ने जमीन बेचने से मना किया तो दो हजार रुपये मांगने लगा। नहीं दिया तो भागने से पहले खूब नाम कमाने की बात कही।
मां का कहना है कि उसके बाद कहां है, मुझे पता नहीं। शिव के पिता नन्हे आदिवासी ने पुलिस को बताया कि उनकी फोन पर कभी बात नहीं हुई। उसने नौकरी के बारे में भी कुछ नहीं बताया। मां ने कहा कि वह कभी फोन नहीं लगाता। सीता बाई ने बताया कि शिव उनका सबसे छोटा बेटा है। बड़ा बेटा पुणे में मजदूरी करता है। दो बहनों की शादी हो चुकी हैं। पिता के पास एक-डेढ़ एकड़ कृषि भूमि है। उसी से उनका खर्च चलता है। गांव के अंशुल ने बताया कि शिव बीच-बीच में एक-दो दिन के लिए गांव आता था। यहां किसी से मिलता-जुलता नहीं था। एक दिन होटल मालिक के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया। शिव ने उसे इतना पीटा कि अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। शिव को बाल सुधार गृह भेज दिया गया। पिता नन्हे आदिवासी उसे छुड़ाकर लाए। इसके बाद वह गोवा चला गया।