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6 सीटों पर घमासान, फूल को छुपे कांटो से खतरा, आंच से झुलस ना जाए हाथ

मकड़ाई समाचार मुरैना। अंचल की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। दोनों ही दलों में टिकट वितरण को लेकर नाराजगी है। हालांकि भाजपा ने डैमेज कंट्रोल पहले ही शुरू कर दिया था, जिसके चलते अंदरखाने में विरोध जरूर हो, लेकिन विरोध सड़कों पर नहीं आता दिखा। जबकि कांग्रेस में प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही प्रदर्शन और पुतले फूंकने का दौर शुरू हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं प्रत्याशियों के स्वजन भी विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए विधायकों को टिकट मिलना तय था। ऐसे में भाजपा नेताओं को साधने के कवायद काफी पहले ही शुरू हो गई थी। भाजपा ने टिकट वितरण के पहले ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता और गौरीशंकर बिसेन सहित अन्य दिग्गज नेताओं को रूठे नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

ऐसे में केवल ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे डॉ सतीश सिकरवार की ही नाराजगी पार्टी को झेलना पड़ी है। सिकरवार ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की है और पार्टी ने उनको ग्वालियर पूर्व से प्रत्याशी घोषित किया है। सूत्रों की माने तो विरोध भले ही सड़कों पर नहीं हो रहा है, लेकिन भितरघात का अंदेशा अब भी बना हुआ है। इसी वजह से पार्टी के वरिष्ठ नेता खुद ग्वालियर में डेरा डाले हुए हैं और हालात पर नजर रख रहे हैं।

 

कांग्रेस में क्यों भड़का आक्रोश

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद धड़ाधड़ इस्तीफे हुए थे। कांग्रेस में लंबे समय से वाट जोह रहे नेताओं को टिकट की उम्मीद दिखाई देने लगी थी। उधर जब कांग्रेस ने भी दलबदल कर आए हुए नेताओं को प्रत्याशी घोषित कर दिया तो कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। हालांकि कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है।

किस विधानसभा में क्या स्थिति

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अंबाह विधानसभा सीट: कांग्रेस ने सत्यप्रकाश सखवार को प्रत्याशी बनाया है। सखवार बसपा से कंाग्रेस में आए हैं। यहां प्रत्याशी के विरोध में कार्यकर्ताओं ने अंबाह कार्यालय पर प्रदर्शन किया और प्रत्याशी का पुतला भी जलाया है।

दिमनी विधानसभा सीट: कांग्रेस ने रवींद्र सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया है। श्री तोमर कांग्रेस से दूसरी बार मैदान में है। उन्हें टिकट मिलने के बाद अन्य टिकट के दावेदारों ने अंबाह से लेकर मुरैना तक दो से तीन दिन प्रदर्शन किया और प्रत्याशी का पुतला भी फूंक दिया।

मुरैना विधानसभा सीट: यहां राकेश मावई को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है। इसके बाद किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश गुर्जर के समर्थक सड़कों पर उतर आए। समर्थकों ने दिनेश गुर्जर पर जमकर नारेबाजी करने के साथ ही पार्टी छोड़ने की बात कही है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी के चचेरे भाई व टिकट के दावेदार प्रबल प्रताप सिंह मावई ने तो इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि अभी इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है।

मेहगांव विधानसभा सीट: कांग्रेस ने हेमंत कटारे को टिकट दिया है। यहां से कांग्रेसी राकेश चौधरी, राहुल भदौरिया और राजेंद्र सिंह गुर्जर सहित अन्य लोग भी टिकट मांग रहे थे। गुर्जर समाज ने इसके विरोध में बीते रोज एक बैठक की है। जिसमें टिकट के दावेदार राजेंद्र सिंह गुर्जर ने खुलकर नाराजगी जाहिर की है।

भांडेर विधानसभा सीट: कांग्रेस ने फूल सिंह बरैया को टिकट दिया। इससे नाराज होकर कांग्रेस नेता व पूर्व गृहमंत्री महेन्द्र सिंह बौद्ध ने पार्टी से इस्तीफा देकर बसपा ज्वाइन कर ली और चुनाव मैदान में आ गए।

ग्वालियर पूर्व विधानसभा: कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे सतीश सिकरवार को मैदान में उतारा है। इसके बाद महिला कार्यकर्ताओं ने शिंदे की छावनी स्थित कांग्रेस कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की थी।