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सुरेन्द्र उर्फ टाइगर के द्वारा SP प्रेम बाबू शर्मा हरदा को मोबाइल पर अनर्गल साम्प्रदायिकता भड़काने बावत की गई चर्चा को वायरल करने के मामले में टाईगर दोषमुक्त

सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित टाइगर
सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित टाइगर

मकड़ाई समाचार हरदा। आज से लगभग 6 साल पहले एक ऑडियो जिसमें हरदा के तात्कालीन एसपी प्रेम बाबू शर्मा और गोरक्षा कमांडो प्रमुख सुरेन्द्र सिह टाइगर का वायरल हुआ था। वायरल ऑडियो में सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित ने एसपी प्रेमबाबू शर्मा को धमकी भरे अंदाज में कहा कि छीपाबड़ पुलिस बिकी हुई है। एकतरफा कार्रवाई जारी रही तो 2013 जैसे हाल होंगे। पुलिस धर्म विशेष के लोगों के दबाव में काम कर रही है।
ऑडियो में – सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित उर्फ टाइगर कह रहा है, एसपी साहब, आप किसके दबाव में काम कर रहे हैं। साहब सारी हदें पार हो रही हैं। मर जाएंगे, मिट जाएंगे, लेकिन यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह बात सुन एसपी ने कहा कि मर जाऊंगा, लेकिन वह (दंगा) नहीं होने दूंगा। ऑडियो में एसपी सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित टाइगर को ठंडे दिमाग से बात करने की नसीहत देते हुए भी सुनाई दे रहे हैं।

उक्त मामले में पैरवी कर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश चंद्र टांक ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना प्रभारी थाना छीपाबड़ पी.एल. त्रिपाठी को पुलिस अधोक्षक कार्यालय हरदा से पत्र कमांक पु.अ. / हरदा / डी . एस . बी . / 79/16 दिनांक 18/01/2016 के माध्यम से संलग्न समाचार पत्र नवदुनिया दिनांक 16/01/2016 , दैनिक भास्कर दिनांक 17/01/2016 , दिनांक जागरण दैनिक हिन्दुस्तान टाईम्स 17/01/2016 , तथा दिनांक 18/01/2016 की जांच हेतु भेजा गया। दिनांक 13/01/2016 को कुशीनगर ट्रेन में दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मांस के परिवहन को लेकर दो समुदाय के मध्य विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिसका जी.आर.पी. इटारसी में प्रकरण पंजीबध्द हुआ था, इसी घटना क्रम को लेकर सुरेन्द्र टाईगर को वर्ष 2013 के दंगे खिरकिया – छिपावड़ दंगे का मुख्य आरोपी बताते हुये ( दंगे के सभी मामले में टाइगर एवं अन्य सभी आरोपीगण दोषमुक्त हो चुके है) दिनांक 14/01/2016 को पुलिस अधीक्षक हरदा से मोबाइल पर अनर्गल साम्प्रदायिकता भडकाने बावत् चर्चा करना बताते हुये तथा दुर्भावनावश इस बात के आडियो टेप को पत्रकारों एवं अन्य मीडिया के लोगों को सुरेन्द्र उर्फ टाईगर ने उपलब्ध कराया एवं प्रकाशित करवाया ऐसा आरोप लगाते हुये उक्त टाईगर क विरूध्द पुलिस ने अभियोगपत्र अंतर्गत धारा 153A , 153B भारतीय दण्ड संहिता का न्यायालय में पेश किया। इस मामले में न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्टट महोदय खिरकिया के समक्ष अभियोजन के द्वारा 25 साक्षीयो के कथन करवाये गये।

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एडवोकेट प्रकाश चन्द्र टांक
एडवोकेट प्रकाश चन्द्र टांक

माननीय न्यायालय द्वारा दोनो पक्ष की सुनवाई करने के उपरांत दिनांक 22/06/2022 को निर्णय सुनाया एवं न्यायालय ने यह पाया कि इस मामले के फरियादी पुलिस अधीक्षक प्रेमबाबू शर्मा ने अभियुक्त के विरूध्द कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख नही कराई ? अनुसंधान अधिकारी द्वारा पुलिस अधीक्षक प्रेमबाबू शर्मा के कोई कथन लेख नही किये ? प्रकाशित समाचार पत्र व मूल स्त्रोत की जांच करना था जो नही की गई ? यह प्रमाणित नही होता है कि आरोपी ने पुलिस अधीक्षक हरदा से मोबाइल पर चर्चा की एवं उसका आडियो टेप पत्रकारों एवं अन्य मोडिया के लोगों को उपलब्ध कराया, यह भी प्रमाणित नहो होता है कि किसी धार्मिक जाति समुदाय के सदस्य के मध्य कोई शत्रुता या घृणा उत्पन्न हुई हो, माननीय न्यायालय ने अभियुक्त के विरूध्द अभियोजन अपना मामला युक्तियुक्त रूप से संदेह से परे प्रमाणित करने में असफल रहा, यह मानते हुये अभियुक्त सुरेन्द्र उर्फ टाइगर को धारा 153A , 153B IPC के आरोप से दोषमुक्त कर दिया गया। इस मामले में आरोपी सुरेन्द्र उर्फ टाइगर की और से पैरवी प्रकाश चन्द्र टांक एडवोकेट हरदा एवम् जी. एस. राय, एडवोकेट छिपावड़ ने की।

कौन है टाइगर

सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित उर्फ टाइगर द्वारा 18 दिसंबर, 2007 को गौरक्षा कमांडो फोर्स का गठन किया गया। खिरकिया में 19 सितंबर 2013 को एक मवेशी की मौत के बाद दो पक्षों में विवाद हो गया। इसके बाद कुछ उपद्रवियों द्वारा करीब एक दर्जन मकानों में आग लगा दी गई थी। इस मामले में खिरकिया पुलिस ने एक दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस दंगे का मुख्य आरोपी टाइगर टाइगर को बताया गया। टाइगर पर पांच हजार का इनाम भी घोषित किया गया। बाद में उसकी गिरफ्तारी हो गई थी। उक्त मामले में सभी आरोपी दोषमुक्त हो चुके है।