मकड़ाई समाचार हरदा। ‘‘ वसुमता क्लस्टर कैम्प ‘‘ का आयोजन ग्राम पंचायत खुदिया में किया गया, जिसमंे खुदिया, पटाल्दा, जूनापानी मकडाई, सांवरी मकडाई, जामूखो, गोमगांव, आमाखाल, पीपल्या खुदिया, महेन्द्रगांव, धनकार आदि गांव के किसान सम्मिलित हुए। कैम्प में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन, सहकारिता, कृषि उपज मंडी एवं कृषि विज्ञान केन्द्र आदि के अधिकारी उपस्थित थे। कैम्प में समसामायिक तकनीकी समस्याओं का निराकरण किया गया तथा आने वाले समय में रबी फसलों में कीट व्याधि नियंत्रण हेतु तकनीकी जानकारी दी गई।
शिविर में कृषि वैज्ञानिक डॉ. सर्वेश कुमार ने उपस्थित किसानों को चने में उकठा रोग के नियंत्रण हेतु टेबुकोनॉजाल $ सल्फर, 400 ग्राम 100-125 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी। इस दौरान गेहॅू में जड़माहू प्रकोप के लक्षण बताये गये तथा नियंत्रण हेतु क्लोरोपॉयरीफास 20 ई.सी. 600 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 100-125 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी गई। चने की इल्ली – इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत की एक एकड़ के लिए 80 ग्राम 100-125 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी गई।
शिविर में मत्स्य पालन विभाग द्वारा विभागीय योजनाओ की जानकारी के संबंध में कृषको को अवगत कराया गया। पशुपालन विभाग द्वारा कुल राशि रूपये 2 लाख रूपये के 3 पशुपालन क्रेडिट कार्ड वितरित किये गये तथा 10 पशुपालकों के आवेदन प्राप्त किये। कैम्प के दौरान 6 पशुओं का उपचार किया गया, 162 पशुओ को एफ.एम.डी. के टीके लगाये गये तथा 39 पशु पालकों को दवाई वितरण की गई। शिविर में उद्यानिकी विभाग द्वारा राशि 12000 रूपये प्रति स्प्रिंकलर के मान से 2 किसानों को स्प्रिंकलर सेट एवं 1 किसान को ड्रीप सिस्टम राशि रूपये 31482 का हितलाभ स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये तथा प्रधानमंत्री लघु सूक्ष्म उद्यम उन्नयन योजनान्तर्गत बैकरी एवं नमकीन के लिये 1 आवेदन राशि रूपये 19 लाख का बैंक को स्वीकृत करने हेतु प्रेषित किया गया।
शिविर में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत 3 किसानों को 12 हजार रूपये प्रति स्प्रिंकलर सेट के मान से कुल 36 हजार रूपये, 1 कृषक को विद्युत पंप स्थापना हेतु 10 हजार रूपये एवं 1 किसान को पाईपलाईन हेतु 15 हजार रूपये के हितलाभ स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये। इस प्रकार कुल 5 किसानों को 61 हजार रूपये का हितलाभ स्वीकृति पत्र प्रदान किये गये। उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास एम.पी.एस. चन्द्रावत द्वारा किसानों को उर्वरको का उपयोग अनुशंसित मात्रा अनुसार करने की सलाह दी गई तथा एक वर्ष छोड़कर मृदा स्वास्थ कार्ड अनुसार अथवा 25 किलोग्राम प्रति हेक्टयर जिंक सल्फेट का उपयोग करने तथा पौधों की रोग एवं कीट प्रतिरोधक क्षमता के उन्नयन एवं चमकदार व बोल्ड दाना प्राप्त करने हेतु अनुशंसित मात्रा में पोटाश का उपयोग अवश्य करने की सलाह दी गई। उन्होने इस दौरान किसानों को प्रकाश यंत्र एवं टी आकार की खूटी लगाने की सलाह दी।