ब्रेकिंग
हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने हृदय अभियान की समीक्षा की बड़ी खबर हरदा से तेंदूपत्ता तोड़ने गई आदिवासी महिला पर सूअर ने किया हमला , महिला गंभीर घायल तेज गर्मी से सड़कों पर सन्नाटा छाया: तेज गर्मी से लोग परेशानः 40 डिग्री पर पहुंचा पारा, बढ़ी उमस, शी... हरदा: बरसात में करंट से बचने के लिये विद्युत वितरण कंपनी ने एडवायजरी जारी की तेज़ आंधी में पेड़ गिरने से मकान क्षतिग्रस्त — नगर पालिका से शीघ्र कार्रवाई की मांग Aaj ka rashifal: आज दिनांक 18 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे Harda Sirali: रिश्वतखोर पटवारी को 4-4 साल के सश्रम कारावास की सजा , वर्ष 2017 में किसान से नामांतरण... दिल्ली में निर्माणाधीन इमारत गिरी 3 की मौत ! हवा आँधी बारिश से हुआ हादसा हरदा: रेत एवं गिट्टी के अवैध भण्डारण में प्रयुक्त 2 ट्रेक्टर ट्राली जप्त मेडिकल स्टोर से दाढ़ दर्द की गोली मांगी, दुकानदार ने धोखे से दे दी सल्फास की गोली महिला की हुई मौत

हौसले बुलंद हो तो दिव्यांगता भी अस्त्र बन जाती है: बिना हाथ के पटवारी ने पैरो से लिखी अपने स्थानांतरण की चिट्ठी

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 देवास। जिले के सतवास मे एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां जन्म से दिव्यांग आमीन ने अपने ट्रांसफर का आवेदन पैरो से लिखा।आमीन देवास के सतवास में पटवारी के पद पर है। आमीन मंसूरी के जन्म से दोनो हाथ नही है अपने पैरों से ट्रांसफर आवेदन लिखा। कम्पुटर चलाने मे भी एक्सपर्ट है ।

उनके सीखने की ललक और आगे बड़ने के हौसलो आगे हाथों की कमी ठहर नही पाई। आमीन ने पहले पैरों से लिखना सीखा और इसे अपनी ताकत बनाया। कम्प्यूटर भी पैरों से चलाना सीखा और पटवारी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर मेरिट में आए।

देखने वाले देखते रह गये पैरो से लिखी अर्जी

दिव्यांग पटवारी आमीन ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पैरों से लिख कर ट्रांसफर का आवेदन दिया है। पटवारी को पैरों से ट्रांसफर अप्लीकेशन लिखते देख दंग रह गए। आमीन अपनी व्यक्तिगत परेशानियों के चलते सोनकच्छ स्थानांतरण चाहते हैं।

- Install Android App -

बचपन से ही पढ़ने में होशियार

आमीन मंसूरी देवास जिले के पीपलरावां के निवासी हैं जो सोनकच्छ के समीप है। 31 वर्षीय आमीन के पिता इकबाल मंसूरी टेलरिंग का काम करते हैं। जन्म से ही आमीन के दोनों हाथ नहीं है, लेकिन उसने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना। बचपन से ही पढ़ने में होशियार रहा।

पैरों से दी पटवारी की परीक्षा

12वीं तक की पढ़ाई शासकीय स्कूल से की और इंदौर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पटवारी की परीक्षा का फार्म भरा। इंदौर में पढ़ाई के दौरान ही पटवारी परीक्षा की तैयारी भी की। परीक्षा के समय भी पैरों से कंप्यूटर चलाया और दिव्यांग श्रेणी की मेरिट सूची में जिले में पहला स्थान प्राप्त किया।