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आज से अतिथि शिक्षको का बड़ा आंदोलन, आर पार के मूड में कमर कसकर पहुंचे अतिथि भोपाल

ट्रेन,बस, दोपहिया, चार पहिया वाहनों से भारी संख्या में राजधानी पहुंच रहे अतिथि

मकड़ाई एक्सप्रेस 24भोपाल ।अतिथि शिक्षकों का 21 दिन बाद दोबारा बड़ा आंदोलन है। इससे पहले 10 सितंबर को अंबेडकर पार्क में ही अतिथि शिक्षकों ने महाआंदोलन किया था। समस्याओं के निराकरण के आश्वासन के बाद इस आंदोलन को वापस ले लिया गया।

गांधी जयंती पर दोबारा आंदोलन

प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक गांधी जयंती पर भोपाल में जुटे हैं। इस बार ये आंदोलन तात्कालिक समस्याओं से कहीं ज्यादा महापंचायत की घोषणाओं पर सरकार का जवाब जानने के लिए हैं। प्रदेश के दूर दराज के इलाकों से अतिथि शिक्षक 1 अक्टूबर की शाम से ही निकलना शुरु हो गए थे। भोपाल में देर रात अतिथि शिक्षकों का पहुंचना शुरु हो गया।ट्रेनों और बसों में भर भरकर अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंच रहे हैं।

 

महापंचायत की ये घोषणाएं अभी अधूरी

अतिथि शिक्षकों को पीरियड नहीं महीने के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। एक साल के लिए पूरा अनुबंध होगा, जो हर साल आगे बढ़ाया जाएगा। शिक्षक भर्ती 25% का आरक्षण था। उसे बढ़ाकर 50% किया जाएगा।हर महीने एक निश्चित तारीख पर मानदेय मिलने की व्यवस्था की जाएगी।पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की दिशा में योजना बनाई जाएगी।

अतिथि शिक्षकों के लिए महापंचायत में की गई एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई है। मानदेय दोगुना करने की घोषणा को तुरंत अमल में लाया गया। उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 के अतिथि शिक्षक को पहले 9 हजार रुपये मानदेय मिलता था जिसे बढ़ाकर पहले ही 18 हजार,माध्यमिक यानी वर्ग 2 के शिक्षकों का मानदेय 7 हजार से बढ़कर 14 हजार और प्राथमिक यानी वर्ग 3 के शिक्षकों का मानदेय 5 हजार से बढ़कर 10 हजार रुपये हो चुका है।

 

1 दिन बाद दोबारा इसलिए भड़की आंदोलन की चिंगारी

10 सितंबर को महाआंदोलन की शाम को अतिथि शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल विभागीय मंत्री से वार्ता के लिये पहुंचा। यहां मंत्री ने पहले कहा कि महापंचायत की घोषणाओं को भूल जाओ, आज की बात करो। ये बयान के बादअतिथि निराश हुए।

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महाआंदोलन के एक दिन बाद 11 सितंबर को अतिथि शिक्षक संगठनों ने तात्कालिक समस्याओं के निराकरण की मांग पर आंदोलन वापस ले लिया था। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों में अपने ही संगठन के प्रति नाराजगी थी। अतिथि शिक्षकों का मानना था कि महापंचायत की घोषणाओं पर ही बात होना चाहिए थी।

अतिथि है तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे-शिक्षा मंत्री के बयान से भड़की चिंगारी

स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से आक्रोश: स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने बयान दिया कि अतिथि हैं तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे। उनके इस बयान से अतिथि शिक्षक और अधिक भड़क गए। हालांकि दो दिन बाद राव उदयप्रताप सिंह ने अपने इस बयान पर खेद व्यक्त कर दिया था, लेकिन तब तक बयान ने आग में घी डालने का काम कर दिया था।

शिवराज मामा ने दिया था आश्वासन

अतिथि शिक्षक दो बार शिवराज सिंह चौहान से मिले। पहली मुलाकात भोपाल बंगले पर और दूसरी बार भैरुंदा में काफिला रोककर अतिथि शिक्षकों ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की।

जीतू पटवारी ने अतिथियो का साथ निभाने का वादा किया

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस का हर एक कार्यकर्ता अतिथियों के साथ है और हम मिलकर इस मुहीम को अंजाम तक पहुंचाएंगे

अतिथि आए कमर कसकर ज्यादा दिन चल सकता आंदोलन

इस बार पूरी संभावना है कि अतिथि शिक्षक महापंचायत की घोषणा की मांग पर डटे रहें। संगठनों ने एक से अधिक दिन आंदोलन चलने की रणनीति पर काम पहले ही कर लिया है।

आंदोलन से पहले सोशल मीडिया ग्रुपों पर अतिथियों से अपील की गई कि वे 2 से 3 तीन की तैयारी के हिसाब से भोपाल आएं। जरुरत पड़ी तो अतिथि मांग पूरी होने तक डटे रहेंगे।