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आज पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है। मोहन नागर

संवेदनशीलता नेतृत्व की पहली इबारत 

विभाग स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर का हुआ समापन

 

अनिल उपाध्याय    खातेगांव  मां नर्मदा के पावन तट और सिद्धक्षेत्र में निवास करने से आप सभी धन्य हो गए हैं। यहां निवास करते हुए निर्धारित दिनचर्या का पालन करना जीवन का अद्भुत और अनोखा अनुभव है। आदर्श नागरिक बनने की दिशा में विकास धीरे-धीरे होता है।आयु वर्ग के अनुसार सीखने की प्रक्रिया होती है। नेतृत्व में बहुत सारी बातों को ध्यान में रखना पड़ता है। संवेदनशील होना नेतृत्व की पहली इबारत है। नेतृत्व विकास शिविर अभी एक पड़ाव है, आगे बढ़कर आपको विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व करना है। इसके लिए आपको अभी से तैयारी करना है। उक्ताशय के विचार मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद् के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) एवं भारत भारती आवासीय विद्यालय के सचिव मोहन नागर ने विद्या भारती मध्यभारत प्रांत के नर्मदापुरम् विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय नेतृत्व विकास शिविर के समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।

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श्री नागर ने पंच परिवर्तन – नागरिक कर्तव्य,स्व का बोध, पर्यावरण, सामाजिक समरसता और कुटुम्ब प्रबोधन आदि विषयों पर भी अपने विचार व्यक्त किए। श्री नागर ने कहा कि हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का ध्यान रखना चाहिए। एक आदर्श नागरिक के रूप में कर्तव्य पालन हमारे स्वभाव में आना चाहिए। अपने धर्म, संस्कृति, परम्पराओं, राष्ट्रीय विरासत, अपने पूर्वजों के प्रति गौरव का भाव होना चाहिए। आज पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है। सामाजिक समरसता और कुटुम्ब प्रबोधन भी हमारे दैनंदिन जीवन व कार्य व्यवहार में दिखाई देना चाहिए।

इससे पूर्व म.प्र. जन अभियान परिषद् के उपाध्यक्ष मोहन नागर एवं विद्या भारती मध्यभारत प्रांत के सहसंगठन मंत्री अनिल अग्रवाल ने सिद्धक्षेत्र में चतुर्मास कर रहे निर्यापक श्रमण मुनिश्री 108 वीर सागर जी महाराज के दर्शन किए तत्पश्चात् विद्या दायिनी मां सरस्वती,प्रणवाक्षर ऊं और भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर समापन सत्र शुरू हुआ। समापन सत्र में शिविर में सम्मिलित भैया-बहिनों ने शिविर के संबंध में अपने अनुभव कथन रखे । शिविर संयोजक बसंत पटेल ने प्रतिवेदन का वाचन किया। नर्मदापुरम विभाग के विभाग समन्वयक रामकुमार व्यास ने आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश के सदस्य संदीप केकरे, हरदा नगर बाल विकास समिति,हरदा के सचिव आलोक जैन, शिविर संचालन टोली के सदस्य एवं गतिविधि प्रमुख अशोक दुबे (प्राचार्य सविम सोहागपुर ), बौद्धिक प्रमुख बृजबिहारी त्रिपाठी (प्राचार्य सविम, इटारसी), श्रीमती आरती परदेशी (प्रधानाचार्य, गोविन्द नगर), पंढरीनाथ धापकारी , राजेश बांके, श्रीमती सुनीता भाटी, श्रीमती सोनाली सोनी सहित सभी संरक्षक आचार्य दीदी उपस्थित थे। शांति मंत्र के साथ पांच दिवसीय नेतृत्व शिविर का समापन हुआ।