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कमलनाथ का शिवराज से सवाल नं. 2- क्यों मप्र को बना दिया बीमारियों का नर्क?

भोपाल: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के 40 दिन 40 सवाल का आज दूसरा दिन है। पहले दिन कमलनाथ ने शिवराज सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर घेरा था और आज घोषणाओं और उनकी जमीनी हकीकत को लेकर सवाल उठाए है। कमलनाथ द्वारा दूसरे दिन स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर चल रही योजनाओं और बिमारियों से लोगों की हो रही मौतों को लेकर  घेरा है। इनमें कमलनाथ ने डायरिया, टाइफाइड, गंभीर संक्रामक बीमारियां, कुपोषण औऱ शिशु मृत्यु दर का आंकड़ों के साथ जिक्र किया है।कमलनाथ ने अपने ट्वीटर पर लिखा है कि
-सवाल नंबर दो –
मामा , क्या यही है तुम्हारी घोषणा और सच्चाई का फ़र्क ?

क्यों MP को बना दिया बीमारियों का नर्क ?’

कल मोदी सरकार ने बताया था कैसे हुआ MP की स्वास्थ्य सुविधाओं का बेड़ा गर्क ;

आज उन्हीं से सुनिये प्रदेश कैसे बन गया बीमारियों का नर्क:-

1) MP में पिछले 2 सालों में (2016-2017) एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से 35 लाख 81 हजार 936 लोग पीड़ित हुए।

2) पिछले 2 सालों में (2016-2017) एक्यूट डायरिया से 14 लाख 80 हजार 817 लोग पीड़ित हुए।

3) पिछले 5 सालों में गंभीर संक्रामक बीमारियों से 3 लाख़ 91 हजार 18 लोग पीड़ित हुए।

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4) पिछले 2 सालों में टाइफाॅइड से 2,29,532 लोग पीड़ित हुए ।

5) MP में 1आदमी के ग्रामीण क्षेत्र में अस्पताल में 1 बार भर्ती होने पर औसत खर्च 25961रु आता है,जो बड़े राज्यों में सबसे अधिक की श्रेणी में है।जो बिहार जैसे राज्य में 15237रु,तमिलनाडु में 16042रु,उप्र में 15393 रु है।

6) पूरे देश में MP में सर्वाधिक 42.8% अर्थात 48 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं ।

7) MP के 68.9 % बच्चे खून की कमी के शिकार और 15 से 49 साल की 52.4% महिलाएं खून की कमी की शिकार हैं ।

8) MP में एक साल तक के बच्चों की मृत्यु दर देश में सबसे अधिक 47 अर्थात 90 हज़ार बच्चे अपना पहला जन्मदिन भी नहीं मना पाते और मौत की आगोश में समा जाते हैं ।

9) बिहार, उत्तर प्रदेश के बाद तीसरा राज्य मप्र है,जहाँ कुल प्रजनन दर सर्वाधिक (टोटल फर्टिलिटी रेट ) 3.1 है।

10) मध्यप्रदेश में 89.6% महिलाओं की पूरी गर्भावस्था के दौरान पूरी जाँच नहीं होती ।

11) मध्यप्रदेश में 46% बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण नहीं होता।