ब्रेकिंग
खातेगांव में "अंजुमन बैतुलमाल न्यास" द्वारा कैरियर गाइडेंस कैंप का आयोजन, सैकड़ों विद्यार्थियों ने ल... टिमरनी: 2 पंचायत सचिवों को सूचना का अधिकार में जानकारी नहीं देना पड़ा भारी ! राज्य सूचना आयोग ने ठोक... हरदा: स्टेशन सौन्दर्यीकरण व यात्री सुविधा विस्तार के लिये हटाया गया अतिक्रमण चाकूबाजी में घायल युवक की इलाज के दौरान हुई मौत, परिजनो ने कलेक्ट्रेड कार्यालय के बाहर शव रखकर किया ... हरदा: मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग ने जिले के प्रशासनिक अमले की बैठक ली नपा के द्वारा बुलडोजर की कार्यवाही गरीबों के साथ अन्याय है। हरदा विधायक डाॅ. दोगने ने की जिला प्रशा... डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की पुण्य तिथि पर किया माल्यार्पण एवं पौधारोपण  मप्र मे मानसून का आगाज: टीकमगढ़ मे हुई भारी बारिश!  बारिश नदी नाले उफान पर निचले स्थानों पर भराया प... तांत्रिक क्रिया से मां को स्वस्थ करने और पिता भाई को मारने की धमकी देकर फिर मांगे 40 लाख! पुलिस ने 3... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 23 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे

चीन ने बढ़ाई भारत की चिंता, दिल्ली से 1350 किलोमीटर दूरी पर बनाएं बंकर

डोकलाम विवाद के बाद चीन भारत के लिए तनाव बढ़ा दिया है। ताजा जानकारी के अनुसार, चीन द्वारा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीआरए) में ल्हासा के गोंगर एयरपोर्ट पर अपने सैनिकों के लिए अंडरग्राउंड बम प्रूफ शेल्टर (बंकर) बनाए गए हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गोंगर एयरपोर्ट की दूरी नई दिल्ली से मात्र 1,350 किलोमीटर है। सुरक्षा से जुड़े तीन अधिकारियों ने दावा किया कि पहले इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल क्षेत्रीय संपर्कों को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया था। लेकिन अब इसे पूरी तरह से सैन्य छावनी के रूप में तब्दील किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि ‘टैक्सी ट्रैक’ नीति के तहत चीन ने हवाई पट्टी से शुरुआत कर इसे पूरी तरह छावनी में बदल दिया है। इसमें तीन स्क्वॉड्रन यानी 36 लड़ाकू विमानों को रखा जा सकता है। बता दें कि हाल के महीनों में भारत और चीन के बीच आपसी रिश्तों में गर्मजोशी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अनौपचारिक सम्मेलन के दौरान वुहान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक की, जिसके बाद दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने पर जोर दिया। यह मेल-मिलाप पिछले साल हुए डोकलाम विवाद के बाद हुआ है, जब दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए थे और युद्ध तक की नौबत आ गई थी। इन सबके बावजूद दोनों देशों के सुरक्षा प्रतिष्ठानों की तरफ से लगातार एक-दूसरे की क्षमता पर बेहद करीब से निगाहें रखी जा रही हैं।
अधिकारी ने बताया कि लड़ाकू विमानों के लिए आपको ब्लास्ट या बम प्रूफ हैंगर्स की तभी जरूरत पड़ती है, जब युद्ध की स्थिति आती है। युद्ध की स्थिति में खुले में लड़ाकू विमानों को रखना की काफी जोखिम भरा है। इसलिए इसे सुरक्षित रखने के लिए बम प्रूफ शेल्टर्स बनाए जाते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (वायु सेना) के पास ऐसी सुविधा रूस से लगती सीमा के पास है और भारत-चीन सीमा के पार तिब्बत क्षेत्र में इस तरह के ‘अंडरग्राउंड बम प्रूफ’ फैसिलिटी नया डेवलपमेंट है।