योगेश चौहान की खबर
मकड़ाई समाचार अलीराजपुर अंधारवड। आज ग्राम वासियों द्वारा आदिवासी समाज त्योहार दिवासा जातर मनाई गई। जिसमे बाबा देव , सावन माता की पूजन की गई व धूप ध्यान दिया गया। जिसमे ग्रामीण बुजुर्ग बड़वा तड़वी द्वारा अपने गृह ग्राम के पूजनीय स्थल सावन माता मंदिर पर गायन व धर्म राजा की हेड़ी की जाती है। श्रावण महीने के आखरी सप्ताह में हर वर्ष दिवासा जातर त्योहार मनाया जाता हे। जिसमे आदिवासी समाज द्वारा अपने अपने घर पर भजिया पूड़ी व कई प्रकार के पकवान बनाकर पूजन धूप ध्यान किया जाता, उसके तत्पश्चात दूसरे दिन चावल व परंपरा अनुसार बाबा देव को मुर्गे का भोग लगाया जाता हे। व महुआ देशी दारू की धार बाबा देव को दी जाती है आदिवासी समाज में जातर दिवासा पर्व की काफी महत्वता मानी गई हे। हर ग्रामीण क्षेत्रों में बाबा देव हर वर्ष श्रावण के अंतिम सप्ताह में मनाया जाता हे। जिसमे समस्त ग्रामीण द्वारा गांव के तड़वी केवन सिंगाड के घर जाकर रात्रि जागरण की जाती है व बडवे सुबान सिंगाड, नागू सिंगाड व अन्य ग्रामीण जन द्वारा पूरी रात धर्मी राजा को मनाने को लेकर गायन होता हे जिसके बाद सुबह में बड़वा धुनता हे। ओर उसके बाद महुआ दारू की धार दी जाती है। गायन व पूजन बाबा देव को धूप इन सबके कारण कई ग्रामीण समस्याओं का समाधान होता हे ऐसी आदिवासी समाज में मान्यता हे।