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हद कर दी आपने ……. निर्वाचन आयोग से प्राप्त मद की राशि में जिपं के लेखापाल ने लगाई सेंध, प्रचार प्रसार के नाम पर किया घोटाला महिला बाल विकास अधिकारी को एक गीत लिखने का दिया 29 हजार 5 सो रूपया

मकड़ाई समाचार हरदा। 

जी हां शीर्षक सही पढ़ा और सुना आपने हरदा जिले में ऐसा ही कुछ हुआ है। कुछ अधिकारियों ने ऐसे अजब गजब कारनामे किये और शासन की मद को फर्जी तरीके से आहरण करने के लिये नियमो को दर किनार कर नियम विरुद्ध तरीके से विभागीय अधिकारियों की साठगांठ कर लाखो के वारे न्यारे कर लिए। यह तो एक मामला अभी सामने आया है। अगर पिछले चुनावों के प्रचार प्रसार के आय व्यय की फाइलों को खोला जाए तो लाखों रुपये के फर्जी आहरण का खुलासा हो सकता है। आरटीआई से मिली जानकारी में एक गीत लिखने के नाम पर महिला बाल विकास विभाग के सहायक संचालक राहुल दुबे ने 29 हजार 500 रूपये जिला पंचायत के निर्वाचन मद से लिये है। यह राशि का भुगतान जिला पंचायत के लेखापाल प्रदीप बरकडे ने दुबे के खाते में किया है। जबकि यह राशि क्यों दी गई इसका कोई वर्क आर्डर सहायक संचालक के पास नहीं है। इस घोटाले में जिला पंचायत के लेखापाल ने चुनाव में प्रचार प्रसार करने के नाम पर निर्वाचन आयोग को चूना लगा दिया है।
यह जानकारी आरटीआई के माध्यम से निकलकर सामने आई है। जिसमें लेखापाल ने एक गीत लिखने के लिए महिला बाल विकास विभाग के सहायक संचालक को 29 हजार 500 रूपये का भुगतान कर रहे है। ईपीओ के माध्यम से किए गए इस भुगतान में तत्कालीन जिला पंचायत सीइओ लोकेश कुमार जांगिड के भी हस्ताक्षर है। सूत्रों के मुताबिक अनुभवी लेखापाल प्रदीप बरकडे द्वारा विभाग प्रमुख को जानकारी के अंधेरे में रखकर मनमर्जी से फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर करवा कर राशि का भुगतान कर अपना हिस्सा ले रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां निर्वाचन आयोग से प्राप्त राशि की आहरण कर लेखापाल ने चुनाव आयोग को ही चूना लगा दिया। इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर संजय गुप्ता से चर्चा करना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।

निर्वाचन मद में लगाई सेंध

निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। जिससे लोगों को चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास बना रहे। लेकिन जिला पंचायत के लेखाधिकारी ने चुनाव आयोग से प्राप्त राशि को खर्च करने में अपारदर्शिता बरती। पिछले लोकसभा चुनाव में स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदातओं को प्रचार – प्रसार करने के लिए प्राप्त आवंटन में शासकीय लोक सेवक को एक गीत लिखने के नाम पर 29500 रूपये का भुगतान कर दिया। जिसके बिल भी लेखाधिकारी के पास मौजूद नहीं है।
नियम आम लोगों के लिए

जिला पंचायत में इन दिनों यह स्थिति है, कि छोटे से छोटा कार्य करने के लिए जिला पंचायत के लेखापाल द्वारा नियमों का हवाला दिया जाता है। जब पोल खुली तो पता चला कि यह नियम सिर्फ आम लोगों के लिये है। उन्हें इन नियमों से कोई फर्क नहीं पडता है। जबकि सिविल आचरण संहिता 1966 के अनुसार कोई भी लोक अपने पद रहते हुए किसी भी स्थिति में कोई अन्य पारितोषित प्राप्त नहीं कर सकता है।

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इनका कहना है।

चुनाव में गीत लिखने और गाने के नाम पर मेरे द्वारा कोई राशि नहीं ली गई है, यह कार्य निःशुल्क किया गया है। चुनाव में प्रचार – प्रसार के लिए एक निजी स्टूडियों को भुगतान किया गया था। जिला पंचायत के तात्कालीन लोकेश जागिड ने मौखिक निर्देश दिए थे।
राहुल दुबे, सहायक संचालक महिला बाल विकास

इनका कहना है
निर्वाचन आयोग के चुनाव मद में प्राप्त राशि का उपयोग बेहद सावधानी से साथ किया जाना चाहिए। किसी भी स्थिति में यह राशि किसी भी शासकीय कर्मचारी के खाते में डाला जाना एक गंभीर मामला आपके द्वारा सामने लाया गया है। चूंकि मामला चुनाव से जुडा है इसकी गंभीरता से जांच की जाएगी।

रामकुमार शर्मा, जिला पंचायत सीईओ

महिला बाल विकास के सहायक संचालक राहुल दुबे को लोकसभा निर्वाचन में मतदाताओं को जागरूक करने गीत लिखने एवं तैयार करने के लिए निर्वाचन मद से 29 हजार 500 का भुगतान ईपीओ के माध्यम से किया है। यह भुगतान तात्कालीन सीईओ लोकेश जागिड के आदेश पर किया है। जो नियमानुसार किया गया।
प्रदीप बरकडे, लेखापाल जिला पंचायत हरदा

 

साभार@नवदुनिया