भेरूंदा के जे.पी. मार्केट मे लगी भीषण आग, तीन दुकानो का सामान जलकर हुआ खाक –स्थानीय दमकल देखती रही तमाशा
सीहोरः केंद्रीय कृषि मंत्री और 20 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान के गृह और संसदीय क्षेत्र के भेरूंदा में आग से 3 दुकानें जलकर खाक हो गई!भैरूदां नगर परिषद कि दमकल खराब हुई। तो बाहर से बुलानी पड़ी दमकले,वहां पूरा बाजार धू-धू कर जलता रहा।आग में सिर्फ कई लोगों की रोजी रोटी ही स्वाहा नहीं हुई, बल्कि भाजपा के विकास का झूठ भी आम जनता के बीच उजागर होता नजर आया है!
क्या था पूरा मामला देखें ।
भेरूंदा नगर का हृदयस्थल कहे जाने वाला जे.पी. मार्केट धू-धू कर जलता रहा, और नगर परिषद की दमकल गाड़ी मौके से कुछ दूरी पर आकर खराब हो गयी और खड़ी खड़ी तमाशा देखती रही। स्थानीय दमकल की असफलता के चलते आग पर काबू पाने के लिए आसपास के शहरों से दमकलें बुलानी पड़ीं, जिन्होंने घंटों की मशक्कत के बाद देर रात तक आग पर काबू पाया। इस भयावह अग्निकांड में तीन दुकानें – जे.पी. लखेरा, सत्तार भाई जूते-चप्पल की दुकान, और ब्रजमोहन लौया की दुकान – पूरी तरह जलकर खाक हो गईं। यह न केवल व्यापारियों की जीवनभर की पूंजी का नुकसान है बल्कि भेरूंदा के विकास मॉडल पर भी एक करारा तमाचा है।
यह घटना केंद्रीय कृषि मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र में हुई है, जहां स्थानीय दमकल सही हालत में नहीं थे।यदि यह घटना आधी रात को हो जाती तो शायद पूरा बाजार स्वाहा हो जाता।इस विकट स्थिति में जिले के कलेक्टर ,SP, के मार्गदर्शन मे अनेक थानो कि पुलिस टीम एवं अन्य स्टाफ ने अपनी जान जोखिम में डालकर मदद की, साथ ही आसपास के नगरों की फायर ब्रिगेड टीमों ने बहुमूल्य योगदान दिया। नगर पंचायत के कर्मचारी एवं नगर के जागरुक लोग भी अंत तक आग बुझाने में जुटे रहे।लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि नगर परिषद की अपनी दमकल गाड़ी आखिर क्यों खराब थी? इसका जिम्मेदार कौन है?
क्या ये लापरवाह नगर परिषद का सच नहीं है?आज सिर्फ तीन दुकानें नहीं जलीं, भाजपा के विकास’ का दावा भी जलकर खाक हो गया।व्यापारियो का कहना है आम नागरिक और नगरवासी इस दुख की घड़ी में एकजुट हैं और व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। प्रशासन से मांग है कि दमकल व्यवस्था को तुरंत ठीक किया जाए,आग से प्रभावित व्यापारियों को आर्थिक राहत दी जाए,दोषियों पर कार्रवाई हो और जवाबदेही तय हो। ये सिर्फ आग नहीं थी,ये सिस्टम की नाकामी का काला धुआं था।