प्राचीन तिलक सिंदूर मंदिर: विश्व का एकमात्र शिवलिंग जहाँ भगवान को सिंदूर चढ़ाया जाता है। हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
के के यदुवंशी सिवनी मालवा। प्राचीन तिलक सिंदूर मंदिर एक अनूठा धार्मिक स्थल है। यह विश्व का एकमात्र ऐसा शिवलिंग है जहाँ भगवान शिव को सिंदूर चढ़ाया जाता है। यह मंदिर न केवल अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी अनूठी परंपरा के लिए भी जाना जाता है। यह मंदिर सदियों पुराना माना जाता है। स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, मंदिर का इतिहास पौराणिक काल से जुड़ा हुआ है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहाँ भगवान शिव को जल, दूध या बेलपत्र के स्थान पर सिंदूर चढ़ाया जाता है। तिलक सिंदूर मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
प्रतिवर्ष तिलक सिंदूर क्षेत्र में मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। प्रति वर्षानुसार तिलक सिंदूर मेले का स्थानीय प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मंदिर प्रांगण में झंडा चढ़ा कर शुभारंभ किया गया। श्रद्धालुओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए मेले में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई। मेले में तकरीबन 200 दुकान आवंटित की गई, इसी के साथ मिले प्रांगण में झूले भी लगे हुए हैं। मेले में अन्य प्रकार की गतिविधियां जैसे राम सत्ता भजन, यज्ञ इत्यादि का भी आयोजन किया गया। मेले में वाहन पार्किंग के लिए नदी के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई, जिसमें लगभग 5000 दो पहिया वाहन एवं लगभग 1000 चार पहिया वाहन खड़े करने की व्यवस्था सुनिश्चित की है।
जिला खाद्य एवं सुरक्षा टीम ने भी मेले में खाद्य सामग्री की दुकानों का निरीक्षण कर सतत रूप से निगरानी की। मेले में पेयजल आदि की भी व्यवस्था की गई। इस वर्ष तिलक सिंदूर मेले में एक नवाचार भी किया गया , जिससे यूपीआई स्कैन के माध्यम से मंदिर प्रांगण में दान राशि एकत्रित की जाएगी। जो श्रद्धालु अपनी इच्छा से दान करना चाहते हैं वह इस यूपीआई आईडी पर मोबाइल से स्कैन कर दान कर सकते हैं। मेला परिसर में पूर्ण रूप से स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भी की गई एवं मेले की सुरक्षा एवं निगरानी के लिए पूर्ण मेले में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए थे।