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Bhopal: देश के ख्यातिनाम साहित्यकार श्री राधेलाल जी विजघावने नही रहे, आज होगा उनका अंतिम संस्कार, गुर्जर समाज में शोक की लहर 

श्री भुआणा प्रांतिय गुर्जर समाज के वरिष्ठ सदस्य थे –

भोपाल / हरदा : श्री भुआणा प्रांतिय गुर्जर समाज के वरिष्ठ सदस्य एवं देश के ख्यातिनाम साहित्यकार श्री राधेलाल जी बिजघावने आज ब्रह्म बेला में हमारे मध्य नहीं रहे। मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा नागरिक अभिनंदन से भी। सम्मानित हो चुके हैं। उनके निधन की सूचना मिलते ही गुर्जर समाज सहित उनके शुभ चिंतकों में शोक की लहर छा गई। श्री मनीष ,मनोज व मुकेश बिजघावने भोपाल वालों के पूज्य पिताजी का आज दिनांक 7.12.2023 को स्वर्गवास हो गया है उनकी अंतिम यात्रा निज निवास E-8,HN.73 भरत नगर भोपाल से भदभदा विश्राम घाट भोपाल के लिए आज 12 बजे निकलेगी ।

राधेलाल जी का जीवन परिचय –

जन्म – 1 जुलाई 1937 को हरदा जिला (मध्यप्रदेश) के चारखेड़ा ग्राम में। शिक्षा- एम.कॉम, प्रथम रचना- 1963 में प्रकाशित।

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छोटी-बड़ी पत्र-पत्रिकाओं में साढ़े चार हजार से अधिक रचनाएँ प्रकाशित । लेख, कहानी, कविता, उपन्यास, नाटक, आलोचना, समीक्षा सभी में समान रूप से लेखन, रेखांकनों में भी अभिरुचि। पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों के आवरण पृष्ठ पर अनेक रेखांकन प्रकाशित । आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से समय-समय पर रचनाएँ प्रसारित । इंटरनेट पर भी रचनाओं का प्रकाशन ।

प्रकाशन :- 1. बहस खत्म होने के बाद, 2. कमीज पर 3. खरगोश की आँखें, 4. खिड़की खोलने से पहले (रत्न भारती पुरस्कार), 5. दरख्त पर चिड़िया, 6. पहाड़ के सामने (कविता), 7. एक शहर का अंत, 8. महानिद्रा (वागीश्वरी पुरस्कार), 9. समकोण, 10. ध्रुवान्त, 11. समीकरण, 12 छोटी-छोटी छतों वाले मकान, 13 औरत के अन्दर की औरत (उपन्यास), 14 स्थितियों के बीच, 15 तीसरा घर, 16 चौथा बिम्ब, 17 वापसी (कहानी संग्रह), 18 अपरिभाषित (लघुकथा संग्रह), 19 कन्ट्रास्ट (नाटक संग्रह), 20 परिवर्तन की दिशा, 21 राजा का बंदर, 22 समय बोध, 23. जीवन की हवा, 24 नया सबक (बाल नाटक), 25 जल संरक्षण से लाभ, 26 राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, 27 चिकन गुनिया, 28 घरेलू हिंसा और स्त्री चेतना (बाल साहित्य / प्रौढ़ शिक्षा की पुस्तकें) 29 रचना आलोचना की तासीर, 30 कविता: विचार और चेतना 31 नवगीत विचार और संवेदना, 32 आलोचना ।

पुरस्कार / सम्मान :- 1. स्व. सत्य स्वरूप माथुर स्मृति पुरस्कार (1994), 2. स्व. रामरतनलाल वागरे स्मृति पुरस्कार, 3. वागीश्वरी पुरस्कार (उपन्यास ‘महानिद्रा के लिए) (1995), 4. रत्न भारती पुरस्कार (कविता संग्रह- खिड़की खोलने से पहले) 1999, 5. गुर्जर समाज समिति, भोपाल द्वारा (रचनात्मक अवदान पर 1995 का पुरस्कार एवं सम्मान), 6. मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा नागरिक अभिनंदन किया, 7. अम्बिका प्रसाद दिव्य-अलंकरण से सम्मनित । 8. प्रेरणा त्रैमासिक पत्रिका के सहयोगी संपादक, ‘कृषक जागृति’ मासिक पत्रिका) का 5 वर्ष तक संपादन किया। देश की पत्र पत्रिकाओं में 450 से अधिक समीक्षाएँ प्रकाशित। प्रेरण त्रैमासिक पत्रिका का नियमित समीक्षक। 2018 में अभिनव काव्य भोपाल द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित |

वरिष्ठ लेखक राधेलाल बिजधावने की कविता पुस्तक ‘दरख्त पर चिडिय़ा’ में उनकी 80 कविताएं संग्रहीत हैं। ये कविताएं ग्लोगल-भाषा- संस्कृति, शिल्पगत कविताई क्षमताओं के सौंदर्यशास्त्र की अद्वितीय कविताएं हैं। जिसमें विलक्षणता, विग्धता, व्यापक घृणा, तिरस्कार, उपेक्षाओं के प्रति गहन चिंताएं, चिंतन और चेतावनियां हैं। ये कविताएं विश्व कविता परिदृश्य में अपनी अलग विशिष्ट पहचान और स्थान रखती हैं।वरिष्ठ लेखक राधेलाल बिजघावने साहित्यकार के साथ-साथ अच्छे चित्रकार भी हैं, उनके रेखांकन लगभग सभी पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। साहित्य में उनका कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, आलेख, आलोचना, समीक्षा में समान रूप से अधिकार है। वे ‘प्रेरणा’ पत्रिका के सहयोगी के रूप में सक्रिय हैं। उनकी अब तक इकतीस पुस्तकें-सात उपन्यास, चार कहानी संग्रह, पांच नाटक संग्रह, चार कविता संग्रह, ग्यारह बाल साहित्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे स्व. सत्य स्वरूप माथुर स्मृति पुरस्कार, स्व. रामरतनलाल बागरे स्मृति पुरस्कार, बागीश्वरी पुरस्कार तथा गुर्जर समाज समिति भोपाल एवं मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा नागरिक अभिनंदन से सम्मानित हो चुके हैं