जिला कलेक्टर पर पूरे जिले की व्यवस्थाओ को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है इसके लिए सभी विभागो के वरिष्ठ अधिकारियों को सहयोग जरुरी होता हैं जो शासन के निर्देशानुसार योजनाओ को संचालित करे। इसके साथ हितग्राहियों की शिकायतो का समय सीमा में निराकरण करे मगर ऐसा नही होने पर कलेक्टर द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को मार्गदर्शन व दिशा निर्देश दिए जाते है। वही कार्यो के प्रति लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर फटकार या दंडात्मक कार्यवाही की जाती है।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। प्रत्येक सोमवार को जिला कलेक्टर डॉ इलैयाराजा सभी विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक करते है।जिसमें सीएम हेल्पलाईन के समय सीमा में होने वाले कार्यो की समीक्षा की जाती है। सोमवार को बैठक में चर्चा के दौरान कलेक्टर ने सीएमएचओ सैत्या से संजीवनी क्लिनिक को लेकर जानकारी मांगी क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान उसको लेकर काफी गंभीर है।
वापस आना है या नहीं – CHMO
जब सैत्या सहीं जवाब नहीं दे पाए तो कलेक्टर नाराज हो गए। इस पर सैत्या ने भी पलटकर जवाब दे दिया जिस पर वे नाराज हो गए। उन्होंने बैठक से बाहर जाने का बोल दिया जिस पर सैत्या ने ये पूछ लिया कि वापस आना है या नहीं नाराज कलेक्टर ने सस्पेंड करने तक का बोल दिया। कुछ देर बैठक चलने के बाद में कलेक्टर को लगा कि सैत्या को ज्यादा डाट दिया है।
फोन लगाकर वापिस बुलाया
इस पर वे अपने कक्ष में गए और फोन लगाकर बैठक में लौटने के निर्देश दिए। बाद में बैठक सामान्य तौर पर चलती रही। बताते है कि सैत्या को समझाया गया कि जो काम महत्वपूर्ण है उसे समय पर किया जाना चाहिए। पूर्व में खाद्य औषधी विभाग के अधिकारी को कलेक्टर ने फटकार लगाई थी लेकिन जब उनके साथ हुए घटनाक्रम की जानकारी लगी तो उन्होंने बैठाया। समझाइश देने के साथ में किसी भी आवश्यकता पर बात करने तक का कहां।