सागर : आचार संहिता के बीच शासकीय शिक्षक को राजनीतिक दल का प्रचार करना महंगा पड़ गया। रिटर्निग अधिकारी की जांच प्रतिवेदन के बाद कलेक्टर ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है। दरअसल, शासकीय माध्यमिक शाला की माध्यमिक शिक्षिका विजयाराजे बुंदेला द्वारा एक राजनीतिक दल के अभ्यर्थी का प्रचार किया गया था। जिसके बाद कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक आर्य ने रिर्टनिंग आफिसर विस क्षेत्र 36-खुरई के प्रतिवेदन पर मामले की जानकारी मिलने पर उक्त शिक्षिका को निलंबित कर दिया है।
क्या है नियम ?
मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 एवं 5 (4) के अंतर्गत कोई भी शासकीय सेवक किसी विधान मंडल या स्थानीय प्राधिकरण के निर्वाचन में न तो मत याचना कर सकता है और न ही हस्तक्षेप कर कर सकता है। इसके साथ ही इस सबंध में अपने प्रभाव का प्रयोग भी नहीं कर सकता है।
इसलिए हुई कार्रवाई –
माध्यमिक शिक्षिका विजयाराजे बुंदेला द्वारा राजनीतिक दल विशेष के प्रचार-प्रसार में सम्मिलित पाई गई है। यह मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3, 5 (4) के अंतर्गत और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अंतर्गत कदाचार की श्रेणी में आता है। विजयाराजे बुंदेला उर्फ गिन्नी प्रथम दृष्ट्या दोषी पाई गई हैं। ऐसे में बुंदेला को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों और मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में नियमानुसार शिक्षिका को जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा और बुंदेला का मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला सागर निर्धारित किया गया है।
खबर स्त्रोत्र – Naidunia