मकड़ाई एक्सप्रेस 24 धर्म : भारत की संस्कृति ईश्वर की आराधना पूजन पाठ आदि नित्यकर्म के साथ विशेष त्यौहारों नजर आती हैं जहां पर सनातन संस्कृति को मानने वाले अपने त्यौहारो पवित्रता और उत्साह के साथ मनाते हैं ऐसा ही एक विशेष पर्व आता है जिसे छठ पर्व कहा जाता हैं। यह पर्व विशेषकर बिहार उत्तरप्रदेश में मनाया जाता रहा है लेकिन अब पूरे देश में भी लोग श्रद्धा से छठ मैया और सूर्य भगवान का विधिवत परंपरा के अनुसार पूजन करते है। यह पर्व 17 से 20 नवंबर तक 4 दिनों तक है चतुर्थ दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर समापन किया जाता है।देश के बिहार व उत्तरप्रदेश में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रो में तैयारियां चल रही है। जो लोग छठ पर्व पर व्रत रखते है। उनकी पूजा में कुछ विशेष नियम व सामग्री होती है।इनके बिना पूजा पूर्ण नही मानी जाती है।
पूजा में कुछ विशेष नियम व सामग्री – जो छठ पूजा व व्रत कर रहे है उन महिलाओं को नई साड़ी व पुरुषो को नया वस्त्र कुर्ता धोती या पैजामा खरीद लेना चाहिए। पूजा के लिए नया सूप या सूपड़ा जो बांस से बनता और साथ ही दो टोकरियां भी जिसमें छठ पूजा की सामग्री प्रसाद आदि भी रखा जा सकता है। पूजा की सामग्री में 1 ग्लास, लोटा और थाली भी रखना चाहिए। वहीं 5 गन्ने भी रखना चाहिए जिसके पत्ते टूटे हुए नहीं होना चाहिए। इसके अलावा एक टोकरी में शकरकंद, शहद, गुड़ और मिठाई, चंदन, अगरबत्ती, धूप, कुमकुम और कपूर, गेहूं और चावल का आटा भी रखना चाहिए।पूजन सामग्री में हल्दी, मूली और अदरक, नारियल, शरीफा, केला, नाशपाती और नींबू, दीया, चावल, धूपबत्ती और सिंदूर, पान और सुपारी भी रखना चाहिए।
रेल गाडियो मे होती है भीड़ – छठ पर्व के दौरान रेल गाड़ियों में बहुत भीड़ होती है बिहार ओर उत्तरप्रदेश के लोग पूरे देश मे जगह जगह काम धंधे के सिलसिले में रहते है छठ पूजा के दौरान वह अपने अपने गांव लौट रहे होते है। इस कारण रेल गाड़ियों में बहुत भीड़ होती है। धक्का मुक्की के बीच अन्य यात्री भी सफर करते हैं।