भोपाल से दिल्ली नेटवर्क: बैंक खाते बेचकर कमाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश। 13 बैंक खातों में 8 करोड़ का लेन देन ! 5 हजार मे एक बैंक खाता बेचा।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल।साइबर ठगी के लिए बैंक खातो में रुपया डलवाने की जरुरत होती है। जिसका मोबाइल नम्बर ऐ टी एम और पासबुक भी ठगो के पास होती है। एक ऐसे एक गिरोह का भोपाल पुलिस ने पर्दाफाश कर जेल भेजा है। बताया जा रहा है कि गिरोह का मुखिया सरगना 5-5 हजार रुपये का लालच देकर लोगों से बैंक खाते खुलवाता फिर उन्हें खरीदकर 30-30 हजार रुपये में बिहार के बेतिया में बैठे साइबर ठगों को बेच देता था।
पूरा मामला विस्तार से।
जानकारी के अनुसार 21 वर्षीय तरुण राय हबीबगंज क्षेत्र की श्यामनगर मल्टी में परिवार के साथ रहता है। छह महीने पहले वह टेलीग्राम के जरिए साइबर ठगों के संपर्क में आया था। ठगों ने उससे बैंक खाते खरीदकर उन्हें उपलब्ध कराने के बदले मोटी रकम का प्रस्ताव दिया, जिसके बाद तरुण ने अपने परिचितों से बैंक खाते खुलवाने की पेशकश की और उन्हें पांच हजार रुपये का झांसा भी दिया।
कई लोगों ने लगातार उससे संपर्क किया और खाते बेचे। ये खाते बिहार के बेतिया में बेचे गए। पुलिस को अब तक 13 बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिसमें करीब आठ करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन मिला है।
दिल्ली मे हुई ठगी के तार भोपाल मे मिले थे
पिछले दिनों दिल्ली में हुई साइबर ठगी के रुपयों का लेनदेन इस खातों में हुआ। जो भोपाल के थे। दिल्ली पुलिस की सूचना पर भोपाल पुलिस ने इन खातों की पड़ताल शुरू की तो तरुण राय और उसके साथी पकड़ में आ गए।
पुलिस ने आरोपियो को भेजा जेल
पुलिस ने मुख्य आरोपी तरुण राय उसके साथी अजय राय और करण वाल्मिक को गिरफ्तार किया है।
इस गिरोह से पूछताछ में ठगों का एक नया तरीका सामने आया है। आरोपित तरुण राय ने पुलिस को बताया है कि भोपाल के लोगों को झांसे में लेकर वह जो बैंक खाते खुलवा रहा था, उसमें मोबाइल नंबर बिहार के ठगों का ही डाला जाता। ऐसा इसलिए कि आनलाइन ट्रांजेक्शन में किसी तरह की परेशानी न आए। भोपाल के लोगों के नाम पर बैंक खाते खुलवाकर खाते की पूरी किट, जिसमें एटीएम, पासबुक और चैकबुक होते थे साइबर ठगों तक पहुंचाता था। इसके लिए वह ट्रेन से बिहार के बेतिया का कई बार सफर कर चुका था।