हरदा/ विधानसभा निर्वाचन के दौरान पेड न्यूज तथा राजनैतिक विज्ञापनों के लिये कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री ऋषि गर्ग की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई है। एम.सी.एम.सी. समिति की टीम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया की लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। कलेक्ट्रेट में इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया की लगातार मॉनिटरिंग के लिये अलग-अलग दल कार्यरत है।
इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रसारण से पूर्व राजनैतिक विज्ञापन का सर्टिफिकेशन कराना अनिवार्य
किसी भी राजनैतिक विज्ञापन को इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रसारित करने से पूर्व जिला एम.सी.एम.सी. समिति से सर्टिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेबसाइट व सोशल मीडिया प्लेटफार्म के विज्ञापनों का प्रमाणीकरण भी कराना होगा। सार्वजनिक स्थलों पर लगाये गये डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर कोई भी वीडियो या विज्ञापन प्रसारित करने से पूर्व एम.सी.एम.सी. समिति से प्रमाणीकरण कराना होगा। राजनैतिक दल, अभ्यर्थी के स्वयं के ब्लॉग, स्वयं के एकाउण्ट पर पोस्टेड या अपलोड किये जाने वाले वीडियो या फोटो संदेश, कमेण्ट पर पूर्व प्रमाणीकरण कराना आवश्यक नहीं है।
मतदान व उससे एक दिन पूर्व प्रिंट मीडिया में प्रकाशित विज्ञापनों का सर्टिफिकेशन कराना अनिवार्य
प्रिंट मीडिया में मतदान दिवस या उससे एक दिवस पूर्व प्रसारित होने वाले कोई भी राजनैतिक विज्ञापन का ही सर्टिफिकेशन कराना अनिवार्य है। प्रिंट मीडिया में विज्ञापन का प्रकाशन अभ्यर्थी की सहमति से होना आवश्यक है। यदि अभ्यर्थी की सहमति के बिना कोई विज्ञापन प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होता है, तो प्रकाशक के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171 एच के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। इसके तहत जुर्माने के साथ दण्ड जो कि 500 रूपये तक हो सकता है, का प्रावधान है। फ्लैक्स, होर्डिंग्स, वालपेपर और पेम्पलेट का सर्टिफिकेशन नहीं कराया जाना है परन्तु इन पर आदर्श आचरण संहिता व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 ए तथा निर्वाचन व्यय संबंधी प्रावधान लागू होंगे।
ऐसे विज्ञापनों का सर्टिफिकेशन नहीं हो सकेगा
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गर्ग ने बताया कि एम.सी.एम.सी. समिति द्वारा ऐसे विज्ञापनों के सर्टिफिकेशन के आवेदन अमान्य किये जा सकते है, जिनमें कि प्रकाशित विज्ञापन से आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन होता होता हो। उन्होने बताया कि ऐसे विज्ञापनों का प्रमाणीकरण भी समिति नहीं करेगी जो विज्ञापन किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी के विरूद्ध हो, विज्ञापन नैतिकता एवं शालीनता को समाप्त करता हो, विज्ञापन विद्रोही, घृणित और चौकाने वाला, विज्ञापन धर्म, जाति, नस्ल, समुदाय के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देता हो, विज्ञापन से सार्वजनिक शांति भंग करने की संभावना हो, विज्ञापन लोगों को अपराध और हिंसा के प्रति उकसाता हो या हिंसा व अश्लीलता का महिमा मण्डन करता हो, विज्ञापन धार्मिक प्रकृति का हो।