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Harda : किसानो के लिए खुशखबरी : तवा डेम में क्षमता से अधिक जलभराव, जल्‍द नहरों में छोड़ा जाएगा पानी

रिपोर्ट – शुभम इन्दौरे 

हरदा : जिले की नहरों में तवा डैम से रबी सीजन की फसल की सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए नहरों की सफाई की जा रही है। नहरों से संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा मनरेगा योजना के तहत सफाई कार्य कराया जा रहा है। इसके साथ ही नहरों का निरीक्षण करने के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का दल पहुंच रहा है।

जानकारी के अनुसार इस बार भी तवा डेम में पर्याप्त जलभराव हुआ है। इससे रबी सीजन की फसल की सिंचाई के बाद तीसरी फसल मूंग के लिए नहरों से किसानों को पानी मिलने की संभावना जताई जा रही है। नहरों से पानी छोड़ने की तारीख तय करने के लिए जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक 16 अक्टूबर को होगी।

तवा डैम में है 1949 एमसीएम पानी –

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तवा डैम में जल भराव का लेवल 1 हजार 166 फीट है। तवा डेम में जलभराव की क्षमता 1 हजार 944 मिलियन क्यूबिक मीटर है। जबकि तवा डैम में 1 हजार 949 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है। जो 100.25 प्रतिशत है। बताया जा रहा कि पिछले साल रबी सीजन की फसल की सिंचाई के लिए नर्मदापुरम और हरदा जिले के लिए 1100-1200 मिलियन क्यूविक मीटर पानी का उपयोग हुआ था। इसके अलावा आर्डिनेंस फैक्ट्री के लिए तवा डेम से पानी की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा भी इस बार चना की फसल का रकबा ज्यादा रहा, तो मूंग के लिए भी पर्याप्त पानी जिले के किसानों को नहरों से मिल सकेगा। हरदा जिले के खिरकिया ब्लाक स्थित इमलीढाना तालाब, आमाखाल तालाब और जामन्या तालाब से भी क्षेत्र सिंचाई हो सकेगी।

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माइनर नहरों की स्थिति ज्यादा खराब –

छोटी नहरों की माइनर शाखाओं में झाड़िया उगी हुई है। नहरों के किनारे भी बड़ी झाड़ियां लगी हैं। नहरों की सफाई का काम शुरू किया गया है। वहीं क्षतिग्रस्त नहरों का जायजा लिया जा रहा है। रबी फसल की सिंचाई के लिए तवा बांध से नहरों के माध्यम से किसानों को पानी दिया जाता है। नहरों के आने से पहले नहरों की सफाई कराई जाती हैं। गांव के आसपास नहर किनारे बना रास्ता जंगल में तब्दील हो गया है। नहर के दोनों ओर लगे जंगल के साथ ही साथ रास्ते में भी झाड़ियां व घास सहित अन्य पौधे लगे हुए हैं।

नहरों की सफाई की जा रही –

नहरों को सफाई करने का कार्य संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा मनरेगा योजना के तहत कराया जा रहा है। वहीं क्षतिग्रस्त नहरों का मेंटेनेंस कार्य विभाग द्वारा कराया जा रहा है। नहरों के सफाई कार्य की सतत मानीटरिंग विभाग के दल द्वारा की जा रही है। – डीके सिंह, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, हरदा

साभार नवदुनिया