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हरदा: एक पौधा मां के नाम अभियान चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेट, पंचायत परिसर में रखे सुख गए 400 पौधे! , अधिकारियों ने भी नहीं की मॉनिटरिंग ,क्या होगी जिम्मेदारों पर कार्यवाही!

हरदा। मध्यप्रदेश सरकार करोड़ो रुपया अलग अलग परियोजनाओं के नाम पौधारोपण कार्यों पर प्रतिवर्ष खर्च करती है। ।ताकि प्रकृति और पर्यावरण को हम बचा सके। वर्ष 2024 में जिला कलेक्टर आदित्य सिंह के मार्गदर्शन में एक पौधा मां के नाम अभियान शुरू किया था। श्री सिंह ने इस योजना को सफल और उसके उद्देश्य को सार्थक करने के लिए लगातार बैठक आयोजित कर संपूर्ण जिले में चाहे वो सरकारी हो या निजी। सभी से अपील की थी। विभाग प्रमुखों को भी सख्त निर्देश दिए थे कि वो अपने अपने अधीनस्थ विभागों कार्यालय में सभी अधिकारी कर्मचारियों के साथ एक पौधा मां के नाम पौधारोपण कर उसकी देखरेख कर उसको बढ़ाकर फलदार छायादार खड़ा करेगे।

एक पौधा अपनी मां के नाम सार्वजनिक स्थानों , सरकारी परिसरों के मैदान में लगाए भी कुछ लोगो ने संकल्प भी लिया। इसको लेकर तीनों विकासखंड में लाखों रुपए के पौधे खरीदे गए।

लेकिन अधिकांश जगह ये अभियान निचले अधीनस्थ अधिकारियों की लापरवाही के कारण भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया।

ग्राम पंचायत अबगांव कला के पंचायत भवन परिसर में 6 महीने से रखे रखे सड़ गए। लगभग 4 सो पौधे ! पंचायत इंस्पेक्टर इंजीनियर ने भी नहीं दिया ध्यान !

मकड़ाई एक्सप्रेस की टीम गुरुवार को जिले के ग्राम अबगांव कला पहुंची। जो कि हरदा जनपद का क्लस्टर केंद्र भी है। यहां पर एक पौधा मां के नाम से खरीदे गए। लगभग 300 से 400 पौधे लावारिस हालत में सूखे पड़े हुए दिखाई दिए। जो कि रखे रखे सड़ गए। और पूरी तरह सुख गए थे।

मकड़ाई एक्सप्रेस की टीम ने उस पौधों को कैमरे में कैद किया।

बताया जाता है कि 2000 पौधे ग्राम पंचायत ने खरीदे थे। जो कि एक पौधा मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण होना था। ग्राम पंचायत रोजगार सहायक संतोष नागवेल ने कहा कि हम स्वीकार करते है कि गलती हमारे से हुई है। हमने अधिकांश पौधे किसानों को बांट दिए थे। ये पौधे भी हम देने वाले थे। उसी के लिए रखे थे।

मालूम हो कि भ्रष्टाचार के आरोप में पतिराम सोलंकी को बीते 4 मार्च को सचिव  पद से हटा दिया है। वहीं जनपद हरदा के द्वारा विभागीय जांच अभी चल रही है। वहीं ऐसे भ्रष्ट सचिव के पास अभी भी क्रेलनपुर पंचायत का वित्तीय प्रभार है। जनपद सीईओ ने वहां से उसे अभी नहीं हटाया।

अगर ग्राम पंचायत अबगांव कला के पिछले दो वर्षों की ही बात की जाए तो मनरेगा में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है। कई ऐसे लोगों के फर्जी जॉब कार्ड चले जो कि धनाढ्य है।

ग्राम पंचायत के परमानेंट वेंडर की हो जांच

विश्वस्त सूत्रों की माने तो पांचवे वित्त आयोग की राशि में जमकर गड़बड़ झाला हुआ है। कुछ तो ऐसे परमानेंट वेंडर है। जो सिर्फ ग्राम पंचायत अबगांव कला को ही बेचते है।कुछ ऐसे वेंडर भी है। जिनको प्रतिमाह हजारों रुपए का भुगतान किया।

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भुगतान कब किस काम के लिए किया गया। उसकी अगर निष्पक्ष जांच हुई तो लाखो रुपए की रिकवरी निकल सकती है।

अपात्र लोगों को दे दिया आवास योजना का लाभ, अपात्र लोगों से रिश्वत में मोटी रकम लेने का आरोप

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की सोच है । की गरीब जरूरतमंद व्यक्ति का पक्का मकान बने। इस योजना में शासन के दिशा निर्देश है। लेकिन उन निर्देशों को दरकिनार करते है। कई अपात्र धनाढ्य लोगों को भी योजना लाभ दिया गया।

बीते दिनों मंगलवार को जिला जनसुनवाई में इसकी शिकायत भी गांव के एक युवक अखिलेश जाट के द्वारा की गई।

शिकायतकर्ता अखिलेश जाट का दावा है कि कई अपात्र लोग जिनके माता पिता के नाम से 15 से 25 एकड़ जमीन है। साथ में रहते है। उनको कागजों में अलग दर्शाकर उन धनाढ्य लोगों को भी आवास योजना का लाभ दिया गया। और वर्तमान में भी आवास प्लस में उनके नाम जुड़वा दिए है। इसकी जांच की मांग को लेकर जागरूक युवा ने जनसुनवाई में लिखित शिकायत आवेदन देते हुए। ऐसे लोगों के नाम काटने और वास्तविक गरीब जरूरतमंद को योजना का लाभ देने की मांग की है।

 

इनका कहना है।

एक पौधा मां के नाम अभियान में दिखवाते है। ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव ने पौधे क्यों नहीं लगाए।

श्री आदित्य सिंह कलेक्टर हरदा

आपसे जानकारी मिली है।ग्राम पंचायत को सार्वजनिक स्थानों परिसर में पौधारोपण करना चाहिए था। जांच करवाते है। ये गंभीर लापरवाही है। जांच कर जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही करेगे।

श्री म्वासे जी

सीईओ जनपद पंचायत हरदा।

 

अगले आर्टिकल में पढ़े।

एक पौधा मां के नाम अभियान के नाम पर अधिकारियों और नर्सरी मालिक ने लाखो के वारे न्यारे किए। जनपद पंचायत ने जनपद स्तर से खरीदे पौधे। पंचायत स्तर से करवाया भुगतान! एक ही नर्सरी से खरीदे लाखो के पौधे।

एक पौधा मां के नाम जिसमें भी किया भारी भ्रष्टाचार