हौसले बुलंद हो तो दिव्यांगता भी अस्त्र बन जाती है: बिना हाथ के पटवारी ने पैरो से लिखी अपने स्थानांतरण की चिट्ठी
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 देवास। जिले के सतवास मे एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां जन्म से दिव्यांग आमीन ने अपने ट्रांसफर का आवेदन पैरो से लिखा।आमीन देवास के सतवास में पटवारी के पद पर है। आमीन मंसूरी के जन्म से दोनो हाथ नही है अपने पैरों से ट्रांसफर आवेदन लिखा। कम्पुटर चलाने मे भी एक्सपर्ट है ।
उनके सीखने की ललक और आगे बड़ने के हौसलो आगे हाथों की कमी ठहर नही पाई। आमीन ने पहले पैरों से लिखना सीखा और इसे अपनी ताकत बनाया। कम्प्यूटर भी पैरों से चलाना सीखा और पटवारी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर मेरिट में आए।
देखने वाले देखते रह गये पैरो से लिखी अर्जी
दिव्यांग पटवारी आमीन ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पैरों से लिख कर ट्रांसफर का आवेदन दिया है। पटवारी को पैरों से ट्रांसफर अप्लीकेशन लिखते देख दंग रह गए। आमीन अपनी व्यक्तिगत परेशानियों के चलते सोनकच्छ स्थानांतरण चाहते हैं।
बचपन से ही पढ़ने में होशियार
आमीन मंसूरी देवास जिले के पीपलरावां के निवासी हैं जो सोनकच्छ के समीप है। 31 वर्षीय आमीन के पिता इकबाल मंसूरी टेलरिंग का काम करते हैं। जन्म से ही आमीन के दोनों हाथ नहीं है, लेकिन उसने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना। बचपन से ही पढ़ने में होशियार रहा।
पैरों से दी पटवारी की परीक्षा
12वीं तक की पढ़ाई शासकीय स्कूल से की और इंदौर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पटवारी की परीक्षा का फार्म भरा। इंदौर में पढ़ाई के दौरान ही पटवारी परीक्षा की तैयारी भी की। परीक्षा के समय भी पैरों से कंप्यूटर चलाया और दिव्यांग श्रेणी की मेरिट सूची में जिले में पहला स्थान प्राप्त किया।