रेवापुर बमनगांव माइनर में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग डी.के. सिंह किसानो के साथ कर रहे भेदभाव, किसी का बनाया केस तो किसी को दिया अभयदान, ये रिश्ता क्या कहलाता है। डीके साहब
हरदा। जिले के रेवापुर बमनगांव माइनर में आज कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग डी.के. सिंह का दौरा था। इस दौरान SDO भी मौजूद थे।
इस दौरान अधिकारियों के द्वारा माइनर से अवैध रूप से पानी लेने पर एक किसान का केस बनाया गया। वही कुछ जगह पर अवैध रूप से नहरों से पानी लेने की शिकायत मौके पर मकड़ाई एक्सप्रेस के प्रतिनिधि ने डीके सिंह से कहा कि सर आप जिस जगह खड़े हो वहा दो कुलाबे चल रहे थे। एक अवैध था। तो वो आग बबूला हो गए। ओर कहने लगे आपका यहां न खेत है। न ही की मामला फिर यहां राजनीति मत करो। आप कौन होते हो पूछने वाले।
जब मीडियाकर्मी ने अपना परिचय दिया तो वहां से तुरंत चले गए। लेकिन अवैध रूप से चल रहे कुलाबे को बंद करने की कार्यवाही उनके द्वारा नहीं की गई। ओर नहीं केस बनाया।
मालूम हो कि आज भी टेल क्षेत्र के किसानों को पानी नहीं मिल रहा। और जब नगर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही इस प्रकार भेदभावपूर्ण व्यवहार किसानो के साथ करने लगे तो छोटे अंतिम छोर के किसानों का क्या होगा। वो तो इस मूंग की फसल से वंचित रह जायेगे।
आखिर डीके साहब की ऐसी क्या मजबूरी थी कि अवैध रूप से चल रहे कुलाबे को न तो बंद किया और नहीं संबंधित किसान पर केस बनाया। आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है। की शिकायत सूचना जगह दिखाई तो साहब कहने लगे राजनीति मत करो।
अब राजनीति कौन कर रहा ये तो जनता समझदार है। सब जानती है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि रिश्वत का खेल नहर विभाग के अधिकारियों और दलालों के बीच जमकर चल रहा है।
इस संबंध में मकड़ाई एक्सप्रेस ने डीके सिंह से उनका पक्ष जानने के लिए कॉल किया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।