ब्रेकिंग
अब भारत में 1200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली सुपरफास्ट ट्रेन दौड़ेगी- स्वदेशी तकनीक हाइपरलूप से आए... यूट्यूब पर सिखा चोरी का तरीका 22 साल के नदीम ने 20 चोरियां कर डेढ़ करोड़ का माल उड़ाया, चाय की दुकान... क्षेत्रवासियों व कांग्रेस जनों द्वारा धूमधाम से मनाया हरदा विधायक डॉ. दोगने का जन्मोत्सव, मां नर्मदा... हंडिया: बस स्टैंड चौराहा अतिक्रमण की चपेट में अब तो जाम की बन रही स्थिति , तहसीलदार और ग्राम पंचायत ... मऊगंज: ASI की हत्या, तहसीलदार के हाथ पैर तोड़े, घटना पर सीएम सख्त हमलावरो पर कठोर कार्रवाई के दिए आ... मप्र :  आसमान में छाये बादल मौसम में आया बदलाव, एक दर्जन जिलों में हो सकती है बारिश ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल में आधी रात मे लगी आग : 150 से अधिक लोगो को बाहर निकाल कर बचाया एआर रहमान को सीने में दर्द के बाद अस्पताल में किया भर्ती,  वकीलो के चक्काजाम के दौरान आम लोगो की भी हुई फजीहत! वकीलों ने टी आईं और उनके ड्राईवर को पीटा। वकीलों... हरदा. नपा तत्कालीन सीएमओ सहित दो अन्य पर सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज, नपा से ठेकेदार की निर्माण कार...

ISRO की अंतरिक्ष में बड़ी छलांग, धरती की निगरानी करने वाला पहला सैटेलाइट करेगा लॉन्च, जानें क्या है खासियत

मकड़ाई समाचार चेन्नई। स्वतंत्रता दिवस से 3 दिन पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष विज्ञान में नया इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है। ISRO पहली बार धरती की निगरानी करने वाले देश के पहले सैटेलाइट की लॉन्चिंग करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 12 अगस्त को सुबह 5.43 बजे पर उपग्रह EOS-03 का प्रक्षेपण किया जाएगा। इसरो के इस सैटेलाइट लॉन्चिंग से मौसम संबंधी जानकारियों को समझने में और अधिक जानकारी प्राप्त होगी।

अंतरिक्ष में बढ़ेगी भारत की ताक

उपग्रह EOS-03 की लॉन्चिंग के सफल होने से अंतरिक्ष में भारत की धाक में बढ़ोतरी होगी। उपग्रह EOS-03 भारतीय उपमहाद्वीप में बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी में सक्षम होगा। इसरो ने बताया है कि उपग्रह EOS-03 काफी उन्नत श्रेणी का सैटेलाइट है, जिसे जीएसएलवी एफ 10 यान की मदद से धरती की कक्षा में प्रक्षेपित किया जाने वाला है।

- Install Android App -

रीयल टाइम इमेजिंग में मिलेगी मदद

इसरो के मुताबिक यह सैटेलाइट अपने संबंधित क्षेत्रों की रीयल-टाइम इमेजिंग देगा और इसका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं, अल्पकालिक घटनाओं की निगरानी के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा कृषि, वानिकी, खनिज विज्ञान, आपदाओं की चेतावनी और समुद्र विज्ञान से संबंधित जानकारी देने का काम करेगा।

इसरो ने इस साल भेजे ब्राजील के सैटेलाइट

इस साल 28 फरवरी को भी इसरो ने पहले मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। भारत का रॉकेट 28 फरवरी को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार ब्राजील का उपग्रह लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुआ था। ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत के पीएसएलवी सी-51 ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी।