नहीं लेते एनओसी, दुर्घटना के बाद ही होती हैं जांचपानी में डूब गए नियम-कानून, धड़ल्ले से चल रहे स्विमिंग पूल –
खंडवा मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में आज एक दुखद घटना देखने को मिली, मोघट थाना क्षेत्र अंतर्गत आनन्द नगर इलाके में स्थित कृष्णा रिसोर्ट के स्विमिंग पूल में नहाते समय 9 साल के बालक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पूल पार्टी चल रही थी। 40 से 50 लोग स्विमिंग पूल में नहा रहे थे । जो सुनील बजाज परिवार के विवाह समारोह की पार्टी में शामिल होने पहुंचे थे। शहर सहित आसपास स्विमिंग पूल नियम-कानून को ताक पर रखकर चल रहे हैं। वहां पर न तो सुरक्षा के संसाधन हैं और न ही निगरानी हो रही है। यही वजह है कि आए दिन इन स्विमिंग पूल में नहाते समय लोग मौत की नींद सो रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।
ऐसी ही घटना आज खंडवा में देखने को मिली, प्राप्त जानकारी के अनुसार। मोघट टीआई संजय पाठक के अनुसार सुशांत पिता भगवानदास निवासी भोपाल (9) बेबी पूल में नहाते समय गलती से बड़े पूल में चल गया था। उसे कोई देख नहीं पाया और डूबने से मौत हो गई।
जिसे पोस्टमार्टम हेतु पहुंचाया गया।बच्चा पूल में डूब गया और किसी को पता तक नहीं चला? स्विमिंग पार्टी में सभी व्यस्त थे नाच गाने में-जब परिजनों को बच्चा नहीं दिख तो ढूंढने लगे और पानी में दिखा तो गोद में लेकर अस्पताल पहुंचना पड़ा, लेकिन जब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी
फिलहाल, मामले को लेकर मोघट थाना पुलिस मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है।पुलिस का कहना है कि, इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कृष्णा रिसोर्ट के लाइफगार्ड कि भी लापरवाही –
खंडवा जिले में भी अब मेट्रो सिटी का कल्चर अब देखने को मिल रहा है उसी का नतीजा है कि स्विमिंग पार्टी में एक बच्चे की मौत हो गई , इसके लिए सबसे बड़े जिम्मेदार तो कृष्णा रिसोर्ट है जहां पर यह पार्टी चल रही थी स्विमिंग के अंदर आखिर इतने अधिक लोगों को कैसे अनुमति दे दी और छोटे बच्चों को भी पानी में उतरने की अनुमति किसने दी आखिर,कृष्णा रिसोर्ट के लाइफगार्ड क्या कर रहे थे, लाइफ जैकेट क्यों नहीं मौजूद थे, स्विमिंग पूल में बच्चों को कैसे अनुमति दे दी पानी में उतरने की, कृष्णा रिसोर्ट में प्राथमिक उपचार जो डूबने के दौरान दिया जाता है, बालक को उसे दिया गया। इसकी भी जांच होनी चाहिए, और दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए |
बिना मानक शहर में चल रहे अवैध स्वीमिंग पूल –
शहर के कई रिसोर्ट में बिना नियम कायदे के संचालित हो रहे हैं स्विमिंग पूल,स्विमिंग पूल संचालन के लिए मनोरंजन कार्यालय से लेकर नगर निगम कार्यालय व पुलिस कार्यालय से एनओसी लेनी होती है। इसके साथ ही शासनादेश के अनुसार निर्धारित फीस को प्रति साल जमा करना होता है। उसके बाद में पूल संचालन की अनुमति मिली है, लेकिन शहर में बिना अनुमति के स्विमिंग पूल का संचालन हो रहा है।
बिना मानक किया जा रहा है संचालन नहीं लेते एनओसी, दुर्घटना के बाद ही होती हैं जांच –
– खेल निदेशालय से पूल का संचालन शुरू करने से पूर्व अनुमति लेनी जरूरी है।
– स्विमिंग पूल में आपातकाल स्थिति के लिए दो लाइफ जैकेट का होना जरूरी है।
– स्विमिंग पूल में दो ऑक्सीजन सिलिंडर, दो कृत्रिम सांस यंत्र भी होने चाहिए।
– पूल में फिल्टर प्लांट होना चाहिए, जो प्रत्येक दिन चार घंटे चलाया जाए।
– स्विमिंग पूल चलाने के लिए सबसे पहले स्विमिंग कोच जो राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय खिलाड़ी हो, उसकी जरूरत होती है।
– प्रत्येक स्विमिंग पूल के लिए दो लाइफ गार्ड, जो भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित हों, उनका होना जरूरी होता है।
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