MP BIG NEWS : 17 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रांत सिंह कुमरे ने, कर्नाटक प्रशासन से की चर्चा पुलिस ने की त्वरित कार्यवाही
मकड़ाई समाचार हरदा। हरदा जिले के सिराली व मगरधा क्षेत्र में रहने वाले १७ कोरकू जनजाति वर्ग के लोग जिसमे से ८ महिलाएं एवं १ अवयस्क हैं , कर्नाटक के विजयपुरा(बीजापुर) जिले के सिंडगी थाने में आने वाले ग्राम येर्गल में पिछले २ माह से बंधुआ मजदूर हैं। और उनको मारा पीटा भी जा रहा है। इस तरह से उनका लगातार शारीरिक , मानसिक एवं आर्थिक शोषण हो रहा है। जब यह जानकारी मजदूरों ने मोबाइल फोन कर अपने परिचित रिश्तेदार व दोस्तो को दी। इस बात की जानकारी जब दिल्ली सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता व मूल निवासी स्वाभिमान सेना के विधि सलाहकार विक्रांत सिंह कुमरे एवं सामाजिक कार्यकर्ता करुणा शंकर शुक्ला को लगी तो उन्होंने सभी मजदूरो से फोन पर चर्चा की ओर उन्हें वापस अपने गॉव सिराली मगरधा लाने के लिये प्रयास किये। उसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता श्री कुमरे ने तुरंत ही कर्नाटक के कमिश्नर डीजीपी से चर्चा कर बंधुआ मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से मुक्त कराने के लिये विधि अनुसार न्याय प्रदान करने की मांग की। उसके बाद कर्नाटक के विजापुर जिले के कमिश्नर ने तुरंत एक्शन लेते हुए विजापुर पुलिस के एसपी व थाने को मजदूरों को मुक्त कराने के आदेश दिये। आज गुरुवार को सुबह विजापुर पुलिस गॉव सिंडगी थाने में आने वाले ग्राम येर्गल पहुँची। जहाँ से 17 गन्ने के खेत से 17 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराकर सोलापुर महाराष्ट्र के लिये सभी को रवाना किया। मजदूरों के पास न तो आने के लिये किराया है और नही खाने पीने के लिये पैसा। सोलापुर तक कर्नाटक पुलिस ने सभी मजदूरों को पहुचा दिया है। वहा से वह ट्रेन से हरदा के लिये रवाना होंगे। इधर वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रांत कुमरे ने खाने पीने व किराये के लिये सहयोग राशि उनको बस के कंडक्टर के मोबाइल फोन पे के जरिये पहुचाई है।
सभी आदिवासी महिला पुरुष ने फोन कर जानकारी दी। एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रांत कुमरे एवं करुणा शंकर शुक्ल को धन्यवाद कहा। इधर सभी मजदूरों के सकुशल लौटने से परिजनों में खुशी की लहर है।
ठेकेदार ने दलाल बनकर मजदूरों के नाम से लिये 6 लाख ,मजदूरों को दिया मात्र डेढ़ लाख
इधर सिराली के गॉव रक्तया व मगरधा के पास के आदिवासी मजदूर जो कर्नाटक में बंधक थे। उनसे चर्चा की गई तो उनका कहना था कि सोलापुर का एक ठेकेदार मजदूरी का कहकर हमे यहां कर्नाटक लाया था। उसने हमारे साथ धोखाधड़ी की। यहां गन्ना खेत मालिक से 6 लाख रुपये ले लिया और हमे मात्र दस दस हजार 15 मजदूरों को दिया। बाकी पैसा लेकर भाग गया। डेड महीने से काम कर रहे। ओर खेत मालिक हमे आने नही दे रहा मारपीट कर रहा शारीरिक मानसिक टार्चर कर रहा। मजदूरो ने कहा कि आकर ही हम सब बात कहेंगे। मजदूरो भयवित थे। दोनों टाइम खाना भी नही मिल रहा था। आज वह कैद से आजाद हुए और अपने प्रदेश लौट रहे है।