MP BIG NEWS: ग्वालियर में रेल पलटाने की साजिश बिरला नगर रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर मिली लोहे की रॉड
विगत 3 माह से असामाजिक तत्वों रेल पलटाने का टारगेट बना रखा
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 ग्वालियर।जिले के बिरलानगर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रेक पर लोहे की रॉड रखकर ट्रेन को पलटाने की साजिश को ट्रेन चालक की सजगता से नाकाम किया गया है। जीआरपी व आरपीएफ ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
पूरी घटना विस्तार से
जानकारी अनुसार घटना सोमवार रात की है बिरला नगर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक की तीसरी लाइन की पटरियों पर असामाजिक तत्वों द्वारा लोहे की मोटी छड़ों को तारों से बांधकर रख दिया था।वहीं रात्रि मे आ रही मालगाड़ी के लोको पायलट को जब छड़ें नजर आई, तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका।सोमवार देर रात स्टेशन के आउटर पर तीसरी लाइन की पटरियों पर लोहे की मोटी छड़ों को तारों से बांध दिया। इस ट्रैक पर रात में लगभग डेढ़ बजे मालगाड़ी गुजरी। मालगाड़ी के लोको पायलट को जब छड़ें नजर आई, तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। इसके बाद जीआरपी व आरपीएफ को मामले की सूचना देकर इन्हें हटाया गया।
जांच टीम पहुंची घटना स्थल
जीआरपी व आरपीएफ के जवान देर रात मौके पर पहुंचे। जीआरपी ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। काशन आर्डर के कारण मालगाड़ी की गति 12 किमी प्रतिघंटा थी। यदि ट्रेन की गति अधिक होती, तो छड़ें नजर नहीं आती और हादसा होने की आशंका थी। तकनीकी अधिकारियों के अनुसार लोहे की दो छड़ें कुछ दूरी पर ट्रैक पर थीं।
पहली छड़ यदि ट्रेन के पहिए से कट भी जाती, तो ट्रेन को झटका लगता और तब तक दूसरी छड़ पहिए के नीचे आ जाती। ऐसे में ट्रेन के डिरेल होने की पूरी संभावना थी। इस घटना की जानकारी मिलते ही पूरे दिन झांसी मंडल से प्रयागराज मुख्यालय तक हलचल मची रही, क्योंकि इससे पहले भी उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत विभिन्न स्टेशनों के आसपास ट्रेन पलटाने का षड्यंत्र रचा जा चुका है।
ट्रैक पर लोहे की छड़ें मिलीं
बिरलानगर के पास रेलवे ट्रैक पर लोहे की छड़ें मिली हैं। इसी ट्रैक से मालगाड़ी गुजरनी थी, तभी छड़ें देखकर ट्रेन रोक ली गई। आरपीएफ व जीआरपी ने इसे जब्त किया है और इस मामले में जीआरपी में मामला दर्ज किया गया है। सुरक्षा बल फिलहाल मामले की जांच कर रहे हैं। – *मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी रेल मंडल झांसी*
पहले भी हो चुकी हैं साजिशें
रेलवे ट्रैक पर रखे पत्थर
17 अगस्त को कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के नजदीक ही भीमसेन रेल लाइन पर पटरी पर रखे भारी पत्थर रखे थे। जिनसे टकराने से साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे डिरेल हो गए थे।
एलपीजी सिलेंडर रखा पटरी पर
कानपुर में दूसरी घटना 22 सितंबर को महाराजपुर में प्रेमपुर स्टेशन के पास ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर और बीयर कैन रखी हुई मिली थीं। उस समय मालगाड़ी इस ट्रैक से गुजर रही थी।
रेलवे ट्रैक पर रखा पिलर
29 सितंबर को महोबा रेलवे ट्रैक पर कबरई और मटोंध स्टेशन के बीच पटरियों पर भारी-भरकम पिलर रखकर पैसेंजर ट्रेन को पलटाने के प्रयास किया गया था।
रेलवे ट्रैक पर रखा सरिया
5 अक्टूबर को झांसी-भोपाल रेल लाइन पर दैलवारा-ललितपुर के बीच ट्रैक पर छह फीट का सरिया असामाजिक तत्वों ने रख दिया था। इस दौरान पातालकोट एक्सप्रेस ट्रैक पर थी और उसके पहियों में सरिया फंस गया था।
कानपुर मे फिर रखा सिलेंडर
30 सितंबर को कानपुर के गोविंदपुरी-भीमसेन रेल लाइन पर अग्निशामक सिलेंडर रखा मिला था। इस दौरान पुष्पक एक्सप्रेस गुजर रही थी।
।इसके बाद से रेल मंत्रालय ने सजगता रखी और अनेक साजिशों को नाकाम किया।