मकड़ाई एक्सप्रेस 24 दिल्ली।जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी जारी है। भारत द्वारा बहुत ही कारगर कदम उठाये गए।पाकिस्तान चौतरफा अपने ही घर मे घेरने के कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे है।
इस बीच आज एनएसए अजित डोभाल पीएम मोदी से मिलने पहुंचे।वही लोगो द्वारा तरह तरह के कयास लगाए जा रहे है।वही 7 मई होने वाली मॉक ड्रिल एक प्रकार से युद्ध की तैयारी का संकेत है।
भर में कल होगा सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल।
7 मई 2025 को भारत के 244 जिलों में राष्ट्रीय स्तर की सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी। जिसमें ब्लैकआउट सायरन नागरिक प्रशिक्षण छलावरण और इवैकुएशन जैसे अभ्यास शामिल होंगे। इसका मकसद युद्ध जैसे हालात में नागरिकों की तैयारियों को परखना है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद यह कदम उठाया गया है। गृह मंत्रालय ने इसे अनिवार्य बनाया है।
आमजन की सुरक्षा और जागरूकता के लिए अहम।
इस मॉक ड्रिल में असल हालात जैसे दृश्य पेश किए जाएंगे, मसलन हवाई हमले के सायरन बजेंगे, शहरों की बिजली बंद की जाएंगी, आम लोग शरण लेने का अभ्यास करेंगे और आपातकालीन सेवाएं तुरंत हरकत में आएंगी।
इस अभ्यास का मकसद है अफरा-तफरी से बचाव, घबराहट को कम करना और जानें बचाना।
इस मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, नेशनल कैडेट कोर (NCC), नेशनल सर्विस स्कीम (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) और स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राएं हिस्सा लेंगे।इस तरह की तैयारी यह संकेत देती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं है। जब आम नागरिक यह जानते हैं कि क्या करना है, कब करना है और कैसे संयम बनाए रखना है, तो पूरे देश की मजबूती बढ़ जाती है।
ड्रिल की मुख्य गतिविधियां
संवेदनशील इलाकों और संस्थानों में सायरनों का परीक्षण किया जाएगा ताकि आम लोगों को हमले की स्थिति में सतर्क किया जा सके। स्कूलों, दफ़्तरों और समुदाय केंद्रों में वर्कशॉप्स आयोजित होंगी जिनमें लोगों को गिरकर छिपने, नजदीकी शरण स्थलों का पता लगाना, प्राथमिक उपचार और मानसिक स्थिति को संभालना सिखाया जाएगा।
पहलगाम घटना से जुड़े से तार
यह अभ्यास किसी खास घटना से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सरकार की सुरक्षा तैयारियों का हिस्सा है। इस हमले में 26 भारतीय सैलानियों की मौत हुई थी, और इसके पीछे पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठनों का हाथ बताया जा रहा है।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठकें कीं और कहा कि, “हम साज़िश करने वालों को ऐसी सजा देंगे जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।”