पं प्रदीप मिश्रा भगवान चित्रगुप्त मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगें कथावाचाक मिश्रा से भड़का है कायस्थ समाज
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 सीहोर। शहर के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अब एक बार फिर अपने प्रवचन मे टीका टिप्पणी से परेशानी में आ गए है। कथा वाचक पं प्रदीप मिश्रा पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में प्रवचन के दौरान भगवान चित्रगुप्त के लिए कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जिससे कायस्थ समाज भड़का हुआ है। इसके विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे और कायस्थ समाज ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
कायस्थ समाज ने माफीनामा किया खारिज
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के माफीनामे को कायस्थ समाज ने खारिज कर दिया है। समाज का कहना है कि पंडित मिश्रा ने भगवान चित्रगुप्त के लिए व्यासपीठ से अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। इसके लिए उन्हें सार्वजनिक रूप से ही माफी मांगनी होगी। इसके साथ ही वे वृंदावन के चित्रगुप्त मंदिर जाकर नाक रगड़कर माफी मांगें, तब स्वीकार होगा।
माफी तो मांगी शिवपुराण का हवाला बताकर खुद को बताया निर्दोष
इसके बाद प्रदीप मिश्रा ने स्थानीय मीडिया को बुलाकर अपने बयान पर माफी मांगी। हालांकि उन्होंने यह कहकर खुद को निर्दोष बताने की भी कोशिश कि वे तो शिव महापुराण में आई कथा को ही सुना रहे थे। इसके बाद कायस्थ समाज ने इसे लेकर बुधवार को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा और कार्रवाई करने की मांग की। वृंदावन जाकर नाक रगड़ें नहीं तो हम एफआइआर कराएंगे और पुतला दहन भी करेंगे।
शिवपुराण मे ऐसा कही कुछ नही है
कायस्थ समाज के जिला अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना ने कहा कि मैंने प्रदीप मिश्रा का मीडिया को दिया गया माफीवाला बयान सुना है। उन्होंने कहा है कि मैंने वो कहा जो शिव महापुराण और शास्त्रों में लिखा है, जबकि शिव महापुराण तो मैंने भी पढ़ा है। इसमें कहीं इस तरह का उल्लेख नहीं है। वहीं तमाम संतों का दावा है कि पुराणों में भी इस तरह का कोई उल्लेख नहीं है।