जिला मुख्यालयों पर यह साफ्टवेयर उपलब्ध है जिसके माध्यम से किसी भी अपराधी के फिंगर प्रिंट लेकर उसकी पहचान की जाती है। जल्द ही सभी पुलिस थानो और यहां तक की पुलिस अधिकारियों को मोबाइल एप के माध्यम से अपराधियों को पहचान करने की सुविधा मिल सकेगी।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। नेशनल आटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) में देशभर के करीब 1 करोड़ से अधिक अपराधियों का डेटा एक क्लिक पर उपलब्ध हो गया है। इस सिस्टम के तहत इस रिकार्ड में दर्ज किसी भी अपराधी का फिंगर प्रिंट अथवा बायोमेट्रिक पहचान से उसके सारे अपराधिक रिकॉर्ड निकाला जा सकता है। इसे राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) ने तैयार किया है।पुलिस द्वारा अपराध में गिरफ्तार किए व्यक्ति का एक 10 अंकों का विशिष्ट राष्ट्रीय फिंगरप्रिंट नंबर (NFN) बनाया जाता है। इसमें अपराधी के फोटो, फिंगरप्रिंट, को दर्ज किया जाता है। अपराधी पर दर्ज विभिन्न अपराधों की FIR को एक ही एनएफएन से जोड़ा जाता है। इस सिस्टम को CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) डेटाबेस में शामिल किया जाता है। ऐसे में अपराधी के देश में कही भी पकड़े जाने पर उसके फिंगर प्रिंट या बायोमेट्रिक से एक क्लिक में उसका रिकार्ड सामने आ जाता है|NAFIS में 31 मई 2023 तक दर्ज रिकार्ड के मुताबिक मप्र के 1 लाख 56 हजार 934 अपराधियों का रिकार्ड दर्ज है। इस नेटवर्क पर अपराधियों का सबसे ज्यादा डेटा अपलोड करने में MP के साथ तमिलनाडु, दिल्ली राज्य अव्वल है।