Ram Mandir: वर्तमान पीढ़ी बहुत भाग्यवान हैं। अपनी आँखों से हम अयोध्या में ‘श्रीराम मन्दिर’ भव्यता को साकार होते देख रहे हैं। डां.कौशलेन्द्र कृष्ण शास्त्री महराज
लखनऊ : संत कुटी पलटूराम मंदिर सतरिख रोड चिनहट लखनऊ में श्री मद् भगवद् फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का चतुर्थ दिवस में कथा श्रवण कर भावविभोर हुए भक्त प्रख्यात भागवद प्रवक्ता डां. कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा की सत्कर्म करते हुए मन और वाणी को मधुर रखना चाहिए तभी हमारा जीवन सार्थक होगा,।
कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने कहा लगभग 500 वर्षों की दीर्घ प्रतीक्षा के बाद 22 जनवरी, 2024 को श्रीराम अपने जन्मस्थली के गर्भगृह में पुनः विराजमान होंगे। भारतीय इतिहास का यह स्वर्णिम दिन है। जिस क्षण रामलला गर्भगृह में पुनः विराजमान होंगे, वह क्षण निश्चय ही भारत सहित विश्वभर में निवास कर रहे करोड़ों भारतवंशियों को अत्यन्त भावुक और आनंद से विभोर करने वाला है। वर्तमान पीढ़ी बहुत भाग्यवान हैं ।अपनी आँखों से हम अयोध्या में ‘श्रीराम मन्दिर’ भव्यता को साकार होते देख रहे हैं। कई पीढ़ियों की अविरत भक्ति, संघर्ष और फिर विधि सम्मत न्याय के बाद यह अवसर आया है।
देश के हर नगर-ग्राम में श्रीराम के आगमन के लिए सज रहे हैं। पुनः महराज जी ने कथा में गज और ग्राह प्रसंग में में बताया कि हाथी का पैर जब मगर ने पकड़ लिया तो उसने अपने बचाव के सभी प्रयास किए अंत में कमल पुष्प लेकर गोविंद प्रभु का स्मरण किया तो भगवान तुरंत प्रगट होकर रक्षा करने आ गए और मगर से कहा मेरे भक्त का पैर छोड़ दे ,मगर ने कहा मैं कैसे इसका पैर छोड़ दूं इसने आपके पैर पकड़ रखे हैं इसलिए मैंने इसका पैर पकड़ रखा है अतः भक्त चरण आश्रय से उद्धार निश्चित होता है। सूर्यवंश वर्णन में राजा सगर के साठ हजार पुत्र कपिल मुनि के श्राप से भस्म हो गए थे उन्हें भागीरथ जी ने गंगा जी द्वारा उनका उद्धार किया ।
भक्त अंबरीशजी का चरित्र वर्णन एवं श्री राम जन्म की कथा श्रवण कराते हुए महाराज जी ने श्री कृष्ण के जन्म का सुंदर वर्णन किया महाराज जी ने कृष्ण जन्म से पहले राम जन्म की कथा इसलिए श्रवण कराई की राम चरित्र को समझे बिना जीव कृष्ण चरित्र का अधिकारी नहीं हो सकता ।बधाइयां गाई गई नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की । भक्त भाव विभोर हो नृत्य करने लगे, उपस्थित सभी भक्तों को बधाइयां बांटीं गईं । खूशबू दिनेशानंद ज्योतिष गुरू पंडित अतुल राजेश पाठक ने श्रद्धालु श्रोताओं से कथा श्रवण करने का आग्रह किया।।