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Ram Mandir Pran Pratistha: रामलला को भव्य मंदिर में विराजित होते हुए देखने की व्यग्रता ऐसी है कि शब्दों में बयां नहीं की जा सकती – डां कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री जी 

श्री मद् भगवद् फाउंडेशन द्वारा आयोजित संत कुटी पलटूराम मंदिर के निकट चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक डां कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। उन्होने कहा जिस स्थान पर कथा होती है वहां भगवान विराजमान होते हैं। भगवान नाम के जाप से सारे विपत्ति नाश हो जाते हैं। इस जगत में भगवत कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। मनुष्य को समाज में अच्छे काम करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि कर्म ही प्रधान है, बिना कर्म के कुछ भी संभव नहीं होता है, जो मनुष्य अच्छा व सत्कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है। बुरे कर्म करने वाले को हमेशा बुरा फल मिलता है। इसलिए सभी को अच्छे कर्मो के प्रति आकृष्ट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मार्ग दमन का है तो दूसरा उदारीकरण का। दोनों ही मार्गो में अधोगामी वृत्तियां निषेध हैं। जैसे कि गोकर्ण ने कथा कही, किन्तु उसके दुराचारी भाई धुंधकारी ने मनोयोग से उसे सुना तो मोक्ष प्राप्त हो गया। भागवत कथा एक ऐसा अमृत है कि इसका जितना भी पान किया जाए आत्मा तृप्ति नहीं होती है। महराज जी ने बताया कि तीन दशक तक टेंट में रहे रामलला सर्दी, गर्मी और बरसात सब कष्ट झेलते थे। कई दशक की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि टेंट से बरसात के समय पानी टपकता रहता था। गर्मी में भी वह एक पंखे के अलावा किसी और चीज का उपयोग नहीं कर सकते थे। यह थी हमारे अराध्य के साथ व्यवहार हो रहा था इस कलयुग में आता ताई लोगों के कारण हो रहा था। लेकिन रामलला को भव्य मंदिर में विराजित होते हुए देखने की व्यग्रता ऐसी है कि शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। मुख्य यजमान मीनू राजेश पाठक और महंत खूशबू दिनेशानंद ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री सूरज शास्त्री नीरज तिवारी आदि काफी संख्या में श्रद्धालु कथा में उपस्थित रहें |