मगरधा:मालगुजार परिवार के पूर्वजों ने अनपढ़ भोले भाले आदिवासियों को वर्षों पहले बसाया,अब चौथी पीढ़ी के परिवार के लोगों ने उनसे छीन ली जमीन,आदिवासी परिवारों ने कलेक्टर CM से लगाई गुहार !
हरदा: जल जंगल जमीन की रक्षा करने वाला आदिवासी समाज शिक्षा से वंचित रहा गरीबी ने उसे झकझोर कर रख दिया।जिसके कारण वो कल भी मजदूर था। आज भी मज़दूर है। रात ओर दिन मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले इस समाज के साथ हमेशा धोखा हुआ है।पूर्व में लोग दानवीर रहे है। अगर उन्होंने जबान से कोई बात कह दी तो वो उस पर अटल रहते थे। ओर को पत्थर की लकीर होती थी।
लेकिन कलयुग में तो भाई भाई का दुश्मन बन बैठा है। एक फूट जमीन के लिए अब परिवारों में तलवारे लट्ठ निकल जाते है। अब कलयुग में पहले जैसा नहीं रहा। समय के साथ लोगों की नियत बिगड़ गई।लोग अपने वादों पर खरा नहीं उतरते। ऐसा ही कुछ मुरलीखेड़ा के आदिवासी परिवार के साथ हुआ। जिस आदिवासी परिवार ने उस बंजर भूमि पर अपना खून पसीना बहाया हो।उसको उपजाऊ बनाया ओर उनकी आंखों के सामने उनसे उनकी 100 साल की कब्जे वाली भूमि छिन लिया गया। तो आप स्वय सहज अंदाजा लगा सकते है। की उनका उनके परिवार का दुख दर्द क्या होगा।
समय के साथ इस आदिवासी समाज के लोगों का शोषण धनाढ्य लोगों ने खूब किया।
ऐसा ही एक मामला हरदा जिले के ग्राम मगरधा के मुरलीखेड़ा का सामने आया है। जहा 5 आदिवासी परिवार जिनका 100 साल से कब्जा चला आ रहा। आदिवासी गरीब किसानो ने बताया कि उनके पूर्वजों को मगरधा के एक मालगुजार ने यहां बसाया था। हमारे परिवार के लोग उस समय माल गुजार के पास काम करते थे। उन्होंने हमे जमीन रहने खाने को दे दी थी।
अब उस मालगुजार की चौथी पीढ़ी के परिवार के लोग हमसे जमीन छीन रहे है।
शिकायतकर्ता आदिवासी बुजुर्ग सहित महिलाओं ने जिला कलेक्टर आदित्य सिंह को मंगलवार को जनसुनवाई में लिखित शिकायत करते है। इंसाफ दिलवाने की मांग की है।
इधर सूत्रों की माने तो संतोष पारे मगरधा क्षेत्र का मालगुजार परिवार से ताल्लुक रखता है। । इनके पूर्वजों ने पूर्व में कई लोगों को जमीन दान में दी है। मालगुजार ने आसपास के गरीब निर्धन परिवारों को गांव में लाकर बसाया था। और उनके रहने खाने पीने की व्यवस्था की थी। उनको रोजगार दिया था।
लेकिन वर्तमान में 100 साल बाद अब उनसे उनकी कब्जे वाली जमीन को छुड़ाया जा रहा।
पीड़ित परिवार ने अभिनव संतोष पारे सहित अन्य पर गुंडों से धमकाने काट कर फेक देने। उनके मकानों में आग लगा देने की भी धमकी दी है। इधर आदिवासी परिवार दहशत में है। उन्होंने जिला ओर पुलिस प्रशासन से मांग की है। की उनको उनकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाए। और धमकाने वालो पर कार्यवाही की मांग की है।
इधर अभिनव पारे ने अपने बयान में मीडिया को बताया कि ये भूमि उनकी पैतृक है। और भाई बंटवारे में उनको मिली है। आरोपी को उन्होंने झूठा बताया है।