हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान पूछा कि लड़का हिंदू है और लड़की मुस्लिम, क्या दोनों शादी कर सकते हैं…पढिए वकील ने दिया ये जबाब
प्रेम , जाति और धर्म की दह्लीज नही देखता है। कहा जाता है आज कितने अभिनेता और खिलाडियो के किस्से इस प्रकार के देखने को मिल रहे है। प्रदेश के एक युवक ने अपनी प्रेमिका से शादी करने से पहले हाईकोर्ट से सुरक्षा की मांग की।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24ग्वालियर।शहर के एक प्रेमी जोड़े ने सुरक्षा की मांग के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इधर कोर्ट मे सुनवाई के दौरान सभी पहलुओं पर विचार किया। मुस्लिम ला की धारा 259 पर भी विमर्श किया गया। इसके बाद पुलिस को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया।
जानकारी के अनुसार करेरा के प्रेमी जोड़े अपनी सहमति से शादी करना चाहते है।इसके हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से सुरक्षा की मांग की।
हाईकोर्ट के सवाल पर वकील की दलील
हाई कोर्ट ने पूछा कि लड़का हिंदू है और लड़की मुस्लिम, क्या दोनों शादी कर सकते हैं…?
इस पर अधिवक्ता अनिल मिश्रा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का अंतर किसी भी धर्म के आधार पर नहीं किया जा सकता। न ही उसे शादी करने से रोका जा सकता है। हमारा संविधान देश के हर एक नागरिक को बतौर मौलिक अधिकार यह सुविधा देता है कि वो किसी के भी साथ विवाह कर सकता है।
याचिकाकर्ता को सुरक्षा का अधिकार है।
जब बात सुरक्षा की आई तो शासन की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता रविंद्र दीक्षित ने कहा कि देश के हर व्यक्ति को सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार है ऐसे में संविधान के अनुसार याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा दी जाना चाहिए।
एसपी को दिए प्रेमी जोड़े की सुरक्षा का आदेश
कोर्ट ने इस मामले में तर्क सुनकर शिवपुरी के एसपी को आदेश दिया कि शादी के पंजीकृत करवाने से लेकर हर एक तारीख पर याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए।
अधिवक्ता आशीष जादौन ने बताया कि करैरा के रहने वाले एक प्रेमी जोड़े ने शादी करने और सुरक्षा की मांग पर मुस्लिम ला की धारा 259 पर भी विमर्श किया गया।कोर्ट ने यह पाया कि हिंदू युवक और मुस्लिम युवती की शादी अमान्य नहीं हो सकती, ऐसे में वो स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 4 के अंतर्गत शादी भी कर सकते हैं और उसे पंजीकृत भी करवाया जा सकते है।
युवक के खिलाफ शिकायत हुई तो होगी कार्यवाही
इस मामले में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि अगर युवक के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज की गई है या भविष्य में की जाती है तो उसमें पहले युवती के बयान दर्ज किए जाएं और पड़ताल करने के बाद ही कार्रवाही की जाए।