मकड़ाई समाचार के “नाम” ने एक गरीब आदिवासी युवक की मदद की। रिपोर्टर ने चालान कटने से बचाया लेकिन हेलमेट लगाने की दी समझाइश !
– मिथिलेश वैष्णव खिरकिया
कालाकहूं ग्राम के दौरे पर गये रिपोर्टर ने देखा वहां पर एक व्यक्ति फोन पर किसी से बात कर रहा था । उसकी मां एवं पत्नी गुमसुम बैठे हुए फोन की बात सुनने का प्रयास कर रहे थे । व्यक्ति किसी से बोल रहा था की ₹100 हो तो दे दे छोड़ देगा। मैंने इशारे से उससे पूछा मामला क्या है, तब उसने फोन चालू रखा और मुझे बताया कि मेरा छोटा भाई को सिराली में पुलिस ने रोक लिया है और गाड़ी की चाबी निकाल ली।
आज कुछ है ना सिराली में इसलिए चेकिंग कर रा है ₹300 मांग रहा हैं तो मैं उससे बोल रहा कि 100 रुपया हो तो दे दे उसको छोड़ देगा।
मैंने कहा क्यों रोका हेलमेट नहीं लगाया होगा।
वह कहने लगा वह आज चेकिंग है ना कुछ हो गया मंदिर ….
तभी उसकी मां बोली रिश्तेदार को छोड़ने गया था भैया। हरदा म्हई से आ रा है। पैसा भी नइ होगा उसका पास।
शाम के 4:30 से 5:00 के बीच का समय था और इससे पहले आधे घंटे का एक तूफान भारी बारिश के साथ क्षेत्र से गुजर चुका था और मौसम अभी भी खराब था। उसे सिराली से कालाकहूं 28 किलोमीटर लगभग 2 से 3 घंटे का रास्ता मोटरसाइकिल से तय करना था।
वह भी ऊंचे ऊंचे पेड़ों और पहाड़ी पथरीले रास्ते के साथ।
तब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी मदद करने का विचार किया और चल रहे मोबाइल से पुलिस से बात करके मकड़ाई समाचार का नाम लेकर उसे छोड़ने का निवेदन किया पुलिस ने कहा यह 1 घंटे से खड़ा हुआ है ₹300 की व्यवस्था करने की बोल रहा है।
मकड़ाई एक्सप्रेस के निवेदन को स्वीकारते हुए यातायात अमले ने कहा कि लो भाई चाबी और तुम जाओ ।
कालाकहूँ में उस समय उनके चेहरे पर खुशी देखने लायक थी।
उनको खुश देखकर बहुत खुशी हुई । मैंने समझाया कि अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट लगाना जरूरी है। देखो मैंने भी तो लगाया है तुमको भी हेलमेट लगाना चाहिए। अब आगे से ध्यान रखना। घर के जो भी लोग गाड़ी चलाएं नियमों का पालन करें। यातायात वाले भैया लोग अपनी ड्यूटी कर रहे, जिससे आप सुरक्षित रहें। चालानी कार्रवाई इसी का हिस्सा है। उन्होंने मेरी बात स्वीकार की।
◆मकड़ाई समाचार की अपील
वनांचल से रोजाना हजारों की संख्या में लोग किसी न किसी काम से सिराली जाते हैं। जिनमें अधिकांश गरीब मजबूर और परेशान भी शामिल रहते हैं ।
कृपया घर से हेलमेट लगाकर चलिए। सभी नियमों का पालन करें। गाड़ी के दस्तावेज रखें।
यातायात पुलिस आपकी दुश्मन नहीं, दोस्त है। अपनी तकलीफ उनको बताएं वे आपकी मदद करेंगे।